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ललितकला एवं मूर्ति कलाकार टी बी सोलाबाक्कानवर का निधन

हावेरी 19 नवम्बर (वार्ता) कनार्टक बयालता अकादमी के संस्थापक -अध्यक्ष एवं विश्वविख्यात उत्सव रॉक गार्डन के निर्माता टी बी सोलाबाक्कानवर का गुरुवार को यहां निधन हो गया। वह 73 वर्ष के थे और कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे।
उनके परिवार में पत्नी सावित्राम्मा, बेटा राजहर्ष और बेटी वेदरानी है। जिले के शिगावी तालुक के गोटागोड़ी गांव में उत्सव रॉक गार्डन के पास नई कार्यशाला में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
वह ललित कला और मूर्तिकला में पारंगत थे और उन्होंने हावेरी जिले के गोटागोड़ी गांव में उत्सव रॉक गार्डन भी विकसित किया जो एक लोकप्रिय गार्डन है और लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र है।
सोलाबक्कानवर को जन्म तीन मार्च 1947 को शिगावी तालुक के हुलासोगी गांव में हुआ था। उन्होने अपनी प्रायमरी शिक्षा गांव से, उच्च प्राथमिक शिक्ष हीरेबेन्डिगरि गांव और सेकेंडरी शिक्षा सावानूर और शिगावी शहर से की थी। उन्होंने धाडवाडा के डी वी हलाभावी आर्ट्स स्कूल से फाइन आर्ट की शिक्षा ग्रहण की थी। दावणगेरे से अपनी फाइनआर्ट का डिप्लोमा लिया तथा जे जे कॉलेज बाम्बे से इंटीरियर डिजाइनिंग का कोर्स किया था।
उन्होंने अपना करियर फिल्मलैंड में ललित कला के सहायक निर्देशक के रूप में शुरू किया और प्रजामथ साप्ताहिक में एक कलाकार थे। उन्होंने 1972-1990 तक दावणगेरे आर्ट्स कॉलेज में लैक्चरर के रूप में काम किया। उन्होंने ललिता कला कॉलेज, दावणगेरे में भी अपनी सेवा सेवा की।
श्री सोलाबक्कानवर ने 2005 में कर्नाटक राजोत्सव पुरस्कार, 2006 में कर्नाटक ललिता कला अकादमी पुरस्कार, 2018 में मानद डॉक्टरेट और 2001 में जनपद ज्ञान सम्मान पुरस्कार प्राप्त किया।
बेमिसाल कलाकार श्री सोलाबक्कानवर सीमेंट संरचनाओं में परांगत थे। उनका देश भर में कई खुले संग्रहालय स्थापित करने में योगदान रहा। उन्होंने अल्माटी में अलमाटी रॉक गार्डन, कृष्ण गार्डन, लव कुश गार्डन और लोक संग्रहालय भी बनाया। अपने बेटे राजर्षि, बेटी वेदरानी और दामाद हर्ष के साथ उन्होंने हावेरी जिले के शिगावी तालुक के गोटागोडी में उत्सव रॉक गार्डन बनाया जिसे कर्नाटक के पर्यटन मानचित्र में विशेष स्थान मिला है।उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, रिकॉर्ड्स सेक्टर अमेरिका, रिकॉर्ड होल्डर्स रिपब्लिक लंदन, यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, अमेजिंग वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, असिस्ट वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और एवरेस्ट वर्ल्ड रिकॉर्ड्स नेपाल में भी दर्ज हुआ है।
श्री सोलाबक्कानवर ने अपनी संस्था “ शिल्पकला मंडल” ’के माध्यम से 10,000 से अधिक सीमेंट मूर्तियों के निर्माण किया और 3,000 से अधिक कलाकारों को प्रशिक्षण दिया। वह एक ऐसा स्थायी मॉडल बनाना चाहते थे जो कलाकारों के लिए कला और आजीविका दोनों को बढ़ावा दे सके। वह अपनी विभिन्न कला परियोजनाओं से कुछ हद तक इसमें सफल भी रहे। उन्हें खुले संग्रहालयों की स्थापना के लिए झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने आमंत्रित किया गया था।
मंत्री बसवराज बोम्मई, जगदीश शेट्टार, पूर्व मंत्री बसवराज होरत्ती और विभिन्न मठाधीशों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
उप्रेती आशा
वार्ता
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