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हर्ष वर्धन लोढ़ा को हटाए जाने के फैसले को दी जायेगी चुनौती

कोलकाता, 19 नवंबर (वार्ता) कलकत्ता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मोहित एस शाह के फैसलों को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं दायर की गयी हैं। इसमें उनका वह फैसला भी शामिल है जिसमें एमपी बिड़ला समूह की पांच निवेश कंपनियाें के अध्यक्ष हर्ष वर्धन लोढ़ा को हटाने का फैसला भी शामिल है।
श्री लोढ़ा वर्ष 2004 से ही इन कंपनियों के निदेशक रहे थे।
एपीएल समिति के सदस्य रह चुके न्यायाधीश शाह और न्यायाधीश ए सी चक्रवर्ती ने 18 सितंबर को अपने एक फैसले में कहा था कि श्री लोढ़ा स्वत: ही एम पी बिड़ला समूह की कंपनियों के निदेशक पद से हट गए थे जब न्यायाधीश शहीदुल्लाह मुंशी ने एक अंतरिम आदेश पारित कर उन्हें हटाने का आदेश दिया था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हर्ष वर्द्धन लोढ़ा पर एमपी बिड़ला समूह की किसी भी इकाई में कोई पद संभालने पर शुक्रवार को रोक लगा दी थी। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि हर्ष वर्धन लोढ़ा को बिड़ला कॉर्पोरेशन और एमपी बिड़ला ग्रुप की सभी कंपनियाें में सभी पदों से तत्काल प्रभाव से हटाया जाता है। अदालत एमपी बिड़ला एस्टेट के उत्तराधिकार को लेकर एक लंबित मुकदमे पर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने लोढ़ा के प्रियंवदा देवी की संपत्ति से किसी तरह का निजी लाभ उठाने पर भी रोक लगा दी। प्रियंवदा, एमपी बिड़ला की दिवंगत पत्नी है। इस संपत्ति के प्रबंधन के लिए अदालत ने एक समिति नियुक्त की है।
रवि.श्रवण
वार्ता
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