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त्रिवेन्द्र ने ऋषिकेश में जानकी सेतु का लोकार्पण किया

देहरादून, 20 नवम्बर(वार्ता) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को देहरादून जनपद के ऋषिकेश से सटे टिहरी जिले के गंगा नदी पर मुनि की में 48.85 करोड़ लागत के 346 मीटर लम्बे पैदल झूला जानकी सेतु का लोकार्पण किया।
श्री त्रिवेन्द्र ने कहा शीघ्र ऋषिकेश में अभिनव कला वाला ग्लास युक्त बजरंग पुल का भी लोकार्पण किया जायेगा। यह पुल भी डोबरा-चांठी की भांति देश और दुनिया के लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनेगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही सिंगटाली एवं बीन नदी पर भी एकेश्वर क्षेत्र के लिये पुल का निर्माण किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले साढ़े तीन साल में 250 से अधिक पुलों के निर्माण का रिकार्ड बना है। इन पुलों में सीमांत क्षेत्रों में बनने वाले पुल भी शामिल है। उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश में परम्परा से हटकर कार्य करना आरम्भ किया है। अब योजनाओं के निर्माण के लिये दो-चार करोड़ स्वीकृत करने के बजाय योजना की लागत का पूरा बजट तथा एक साल में अधिकतम व्यय होने वाली पूरी धनराशि स्वीकृत की जा रही है। डोबरा चांठी पुल के लिये 88 करोड़ एकमुश्त स्वीकृत होने का ही परिणाम रहा कि आज यह पुल बनकर जनता को समर्पित कर दिया गया है। हमारी सोच लक्ष्य पूरा करने की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास में मातृ शक्ति का महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राज्य निर्माण में हमारी मातृशक्ति के संघर्ष एवं बलिदान को देश व दुनिया जानती है। उन्होंने कहा कि खण्डूरी जी के मुख्यमंत्रित्व काल में महिलाओं को आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। प्रदेश के 13 जिला पंचायतों में 10 महिलायें अध्यक्ष हैं जिसमें से नौ भाजपा से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां इंजीनियर, डाॅक्टर से लेकर लड़ाकू विमान ही नहीं उड़ा रही बल्कि सीमाओं पर देश की रक्षा में भी मुस्तैदी से कार्य कर रही हैं। राज्य में 30 हजार महिला स्वयं सहायता समूहों में 18 हजार सक्रियता से कार्य कर रहे हैं। एक समूह से 10 महिलायें जुड़ी हैं।
श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के आर्थिक विकास के लिये ग्रोथ सेंटरों की स्थापना की गई हैं। अब तक 102 ग्रोथ सेंटर बनाये जा चुके हैं। ग्रोथ सेंटरों के माध्यम से पिछले छह माह में छह करोड़ का व्यवसाय हुआ है। जिसमें लोगों को 60 लाख का शुद्ध लाभ हुआ है। इस अवसर पर उन्होंने कई उद्यमी महिलाओं का भी जिक्र किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे युवाओं को भी स्वरोजगार के क्षेत्र में ध्यान देना होगा। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा पूरा सहयोग दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही विभागों को तीन लाख का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जायेगा। अभी स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार के तहत 10 हजार युवाओं को रोजगार दिये जाने का लक्ष्य है। इसके अलावा पिरूल से फ्यूल एवं प्लेट्स बनाने तथा ऊर्जा उत्पादन की योजनायें भी विभिन्न स्वरोजगार योजनायें संचालित की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि साहसिक पर्यटन भविष्य के पर्यटन का सबसे बड़ा आयाम है। टिहरी और विलखेत में इसकी व्यापक संभावनायें हैं। हिमालय का यह क्षेत्र जड़ी-बूटी उत्पादन के लिये भी आदर्श क्षेत्र है। इस दिशा में भी बेहतर वातावरण बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म युद्ध की तरह हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग-74 घोटाले की जांच आरंभ की गई इसमें दोषी पाये गये अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई जबकि अनेक लोगों से वसूली की कार्यवाही गतिमान है।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द्र अग्रवाल ने कहा कि जानकी सेतु के लोकार्पण का लंबे समय से लोग इंतजार कर रहे थे। श्री त्रिवेन्द्र के नेतृत्व में राज्य सतत विकास की ओर आगे बढ़ रहा है। सड़कों पुलों, बिजली एवं पेयजल के क्षेत्र में सराहनीय कार्य हुआ है। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों को छट पूजा की शुभकामनाएं भी दी।
इस अवसर पर मेयर ऋषिकेश अनिता मंमगाई, गढ़वाल मण्डल विकास निगम के उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंघल, नगर पालिका परिषद् मुनि की रेती के अध्यक्ष रोशन रतूड़ी, सचिव लोक निर्माण विभाग आर. के. सुधांशु, जिलाधिकारी टिहरी इवा आशीष श्रीवास्तव, एसएसपी टिहरी डॉ. वाई एस रावत आदि उपस्थित थे।
सं. उप्रेती
वार्ता
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