राज्य » अन्य राज्यPosted at: Dec 29 2020 4:45PM आईआईटी रुड़की के निदेशक सहित पांच लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करने के आदेशहरिद्वार 29 दिसंबर (वार्ता) उत्तराखंड में हरिद्वार जिले की एक अदालत ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी के खिलाफ एक करोड़ से भी अधिक वित्तीय घोटाले के आरोपों की जांच के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इस संबंध में चार अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। सूत्रों के अनुसार आईआईटी रुड़की के पूर्व कर्मचारी मणिपाल शर्मा ने रुड़की की एक अदालत में प्रार्थना पत्र देकर आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी, डीन मनीष श्रीखंडे, असिस्टेंट रजिस्ट्रार जितेंद्र डिमरी और सहायक धीरज कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी तथा गबन करने के आरोप की जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। रुड़की तहसील में स्थित एक अदालत ने इस मामले में संबंधित थाने के प्रभारी को आदेश निर्गत करके प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने के आदेश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार मणिपाल ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से आईआईटी रुड़की को छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और निर्माण कार्यों से संबंधित अन्य प्रोजेक्ट के लिए अनुदान के तहत धन आवंटित किया गया था लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से यह रकम आईआईटी रुड़की के एक कर्मचारी के खाते में ट्रांसफर कर दी गई और बाद में उसकी बंदरबांट कर ली गई ।आईआईटी रुड़की प्रशासन की ओर से हालांकि इस संबंध में स्पष्टीकरण दिया गया है। आईआईटी रुड़की की मीडिया सेल की प्रभारी सोनिया श्रीवास्तव का कहना है कि इस संबंध में आईआईटी रुड़की के निदेशक ने पहले ही एक कर्मचारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। पुलिस ने इस संबंध में धीरज कुमार और अन्य कर्मचारी से भी पूछताछ की थी। उनका कहना है कि आईआईटी के निदेशक और अन्य अधिकारियों पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद है इस संबंध में पुलिस पहले से ही प्रकरण की जांच कर रही है। उन्होंने पुलिस का सहयोग भी करने का आश्वासन दिया है। दूसरी ओर पुलिस सूत्रों के अनुसार इस संबंध में अदालत के नए आदेशों का परीक्षण किया जा रहा है। अदालत के आदेशों के अनुरूप ही कार्रवाई की जाएगी।सं.संजयवार्ता