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तमिलनाडु किसानों ने दिल्ली आंदोलनकारी किसानों की एकजुटता के लिए निकाली रैली

तिरुचिरापल्ली, 26 जनवरी (वार्ता) राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड रैली के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिए तमिलनाडु में भी हजारों किसान और खेत मजदूर तथा विपक्षाी दलों से जुड़े ट्रेड यूनियनों ने नये तीन किसान कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए रैलियां निकालीं।
राज्य के विभिन्न जिलों तंजाउर, तिरुवारुर, त्रिचि, नागपट्टिनम और कुड्डालोर में अखिल भारतीय किसान विरोध समन्वय समिति के सदस्य और अन्य किसान संगठनों, विपक्षी दलों से जुड़ी सभी ट्रेड यूनियनों ने रैलियां निकाली।
राज्य मेंं बड़ी संख्या में किसानों ने पुलिस अपील को दरकिनार करते हुए बैल गाड़ियाें, दुपहिया वाहनों से रैली निकाली और केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और तीनों काले कानून को वापस लेेने की मांग की।
तिरुचिरापल्ली जिला अदालत परिसर के पास यहां उस समय तनाव का माहौल बन गया जब तमिलनाडु के सदस्य विवासायगल संगम और अन्य लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज लेकर पुलिस आदेश को दरकिनार करते हुए एमजीआर प्रतिमा से एक बड़ी दोपहिया वाहन रैली निकाली। आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच मामूली झड़प हुई, जब आंदोलनकारी किसानों ने पुलिस के बैरिकेड तोड़ दिए और सेंट्रल बस अड्डे पर रैली निकाली।
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के कार्यकर्ताओं ने नई दिल्ली के आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में यहां प्रदर्शन किया और तिरुचिरापल्ली शहर में पलक्कराई इलाके में केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसी तरह जिले के तिरुवेरमबूर, लालगुडी, पुल्लामबडी, अंथानल्लुर, मनचनालुर, मणिकंडलम और अन्य इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया गया।
तंजावूर में एआईएफपीसीसी के सदस्यों और अन्य किसानों ने मेलावसथा सावादी से बैलगाडी और दुपहिया वाहनों में रैली निकाली। प्रदर्शनकारी किसानाें के अवरोधकाें को हटाने के बाद पुलिस के साथ झड़प भी हुई और अंत में न्यू बस स्टैंड तक रैली निकाली गयी। इसी तरह राज्य के अन्य हिस्सों में किसानों ने रैली निकाली और केन्द्र तथा राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और तीनों काले कृषि कानून को वापस लेने की मांग की।
उप्रेती.श्रवण
वार्ता
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