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त्रिवेन्द्र ने किया कृषि ऋण वितरण कार्यक्रम का शुभारम्भ

देहरादून 06 फरवरी (वार्ता) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण कृषि ऋण योजना के तहत तीन लाख रुपये तक के वृहद ऋण वितरण कार्यक्रम का शनिवार को शुभारम्भ किया।
श्री त्रिवेंद्र ने यहां बन्नू स्कूल रेसकोर्स में इस योजना की शुरूआत की। यह कार्यक्रम आज प्रदेश के सभी 95 विकास खण्डों एवं अन्य पांच स्थानों पर भी आयोजित किया गया।
इस योजना के तहत 25 हजार लोगों को कृषि एवं कृषि यंत्रों, मत्स्य पालन, जड़ी-बूटी उत्पादन, मुर्गी पालन कुक्कुट पालन, मौन पालन आदि प्रयोजनों हेतु ऋण वितरण किया जा रहा है।
श्री त्रिवेन्द्र ने मुख्य कार्यक्रम में शुभारम्भ के अवसर पर 11 लाभार्थियों को तीन-तीन लाख का चेक वितरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने खेती और बागवानी के क्षेत्र में सराहनीय कार्यों के लिए पद्मश्री प्राप्तकर्ता प्रेमचन्द्र शर्मा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
राज्य के विभिन्न स्थानों पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मदन कौशिक, सुबोध उनियाल, डॉ. हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, अरविन्द पाण्डेय, राज्य मंत्री रेखा आर्या, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश एवं संबधित क्षेत्रों के विधायकगण उपस्थित रहे।
श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के आर्थिकी में सुधार के लिए अनेक प्रयास कर रही है। सरकार की किसानों के प्रति आत्मीय भाव एवं सेवा करने के लिए हमेशा तत्पर रही है। देश और प्रदेश के विकास के लिए जवानों और किसानों का सम्मान बहुत जरूरी है। केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हित में जो तीन कृषि सुधार कानून लाये गये हैं। इससे किसानों को आने वाले समय में बहुत फायदा होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एम.एस. स्वामीनाथन की सिफारिशों को धरातल पर लाने का कार्य किया है। किसानों को डेढ़ गुना एमएसपी दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रूड़की से दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना की शुरूआत की गई थी। इस योजना के अच्छे परिणाम मिले इसलिये इस योजना को आगे विस्तारित किया गया है। उन्होंने कहा कि किसान ईमानदारी की रोटी खाता है, किसानों को जो ऋण दिया गया था, उसका 60 प्रतिशत वापस लौटा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि जब तक किसान एवं गांवों में लोगों को आय का अर्जन नहीं होगा, तब तक बाजार की स्थिति नहीं सुधर सकती। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए अलग-अलग थीम पर ग्रोथ सेंटर बनाये जा रहे हैं। अभी तक 107 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत हो चुके हैं। आज ये ग्रोथ सेंटर स्थानीय लोगों की आजीविका को बढ़ाने में कारगर साबित हो रहे हैं। राज्य की सभी न्यया पंचायतों तक इन ग्रोथ सेंटर को विस्तारित किया जायेगा।
सं.संजय
वार्ता
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