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महाकुंभ में सुविधाओं पर सरकार से जवाब तलब

नैनीताल 22 फरवरी (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार में होेने वाले महाकुंभ के मामले में राज्य सरकार से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है। साथ ही मेलाधिकारी दीपक रावत और शहरी विकास सचिव शैलेष बगौली को आगामी पांच मार्च को अदालत में पेश होने के आदेश दिये हैं।
मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में सोमवार को कोरोना महामारी को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सुनवाई में राज्य के मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी और मेलाधिकारी दीपक रावत के अलावा हरिद्वार के जिलाधिकारी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया।
सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि कुंभ मेले को लेकर सरकार पूरी तरह तैयार है और इस दौरान कोविड-19 को लेकर जारी दिशा-निर्देशों और गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन किया जायेगा। सरकार की ओर से यह भी बताया गया कि कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिये 72 घंटे पहले कोविड जांच प्रमाण पत्र को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिये सभी राज्य को सूचित कर दिया गया है।
सरकार की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि कोरोना महामारी को देखते हुए श्रद्धालुओं के लिये पर्याप्त मात्रा में अस्पताल, वेटिंलेटर और अन्य स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही हैं। श्रद्धालुओं के रहने के लिये रैन बसेरों व टेटों की व्यवस्था भी की गयी है। स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में विभिन्न राज्य सरकारों व केन्द्र सरकार से सहायता मांगी गयी है। यही नहीं सरकार प्रदेश में 690 चिकित्सकों की भर्ती करने जा रही है और कुंभ से पहले यह प्रक्रिया पूरी हो जायेगी।
यही नहीं सरकार की ओर से बताया गया कि कुंभ में प्रतिभाग करने वाले श्रद्धालुओं के लिये पर्याप्त संख्या में शौचालय और चेजिंग रूम (कपड़े बदलने के लिये कमरे) बनाये गये हैं। ये हरकी पैड़ी, सुभाष घाट व मालवीय घाट पर तैयार किये गये हैं। कुंभ में प्रतिभाग करने वाले सभी कर्मचारियों व फ्रंट लाइन वर्करों को कोरोना वैक्सीन लगा दी गयी है। मेलाधिकारी दीपक रावत की ओर से कहा गया कि मोती चूर का फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। कुंभ से पहले अन्य काम पूरे कर लिये जायेंगे।
याचिकाकर्ता सचिदानंद डबराल की ओर से कहा गया कि घाटों पर अभी भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से बनाये जा रहे दूधाधारी चौक और सिंह द्वार फ्लाई ओवर पूरी तरह तैयार नहीं हो पाये हैं।
इसके बाद अदालत ने एनएचएआई से इस मामले में वस्तुस्थिति से अवगत कराने को कहा है। यही नहीं अदालत ने राज्य सरकार से केन्द्र सरकार की ओर से जारी एसओपी के संदर्भ में भी विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है। अदालत ने कुंभ में भाग लेने वाले कर्मचारियों और फ्रंट लाइन वर्करों के वैक्सीनीकरण के संदर्भ में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
कोरोना महामारी को लेकर उच्च न्यायालय में सचिदानंद डबराल, अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, डीके जोशी और रामस्वरूप की ओर से अलग अलग जनहित याचिकायें दायर की गयी हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश जनहित याचिकाओं में राज्य में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं से लेकर अन्य तमाम मुद्दे माध्यम से उठाये गये हैं।
रवीन्द्र.संजय
वार्ता
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