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ग्लेशियर त्रासदी को लेकर विपक्ष का सदन में हंगामा

भराड़ीसैंण, 03 मार्च (वार्ता) उत्तराखंड विधानसभा सभा के बजट सत्र में चमोली ग्लेशियर त्रासदी सहित राज्य में आपदा से बचाव की नगण्य सुविधाओं पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया।
विधानसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को विपक्षी सदस्यों ने चमोली ग्लेशियर त्रासदी सहित राज्य में आपदा से बचाव की सुविधाओं पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया। विधानसभा में नियम 58 के अंतर्गत चर्चा की अनुमति दिए जाने पर विपक्षी सदस्य शांत हुए।
शून्यकाल में विपक्ष के प्रश्न का जवाब देते हुये संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने सदन को बताया कि उक्त विषय पर आपदा प्रबन्धन विभाग, आई0आई0टी0 रूड़की के सहयोग से राज्य में भूकम्प चेतावनी व्यवस्था का संचालन कर रहे हैं ऐसा करने वाला उत्तराखण्ड राज्य का एकमात्र राज्य है। इससे भूकम्प की स्थिति से समय से चेतावनी पहुँचा कर जीवन की क्षति को कम किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त जनपद नैनीताल के मुक्तेश्वर में डॉप्लर रडॉर की स्थापना की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही एक अन्य डॉप्लर रडॉर राज्य में स्थापित किया जायेगा। इससे हमें बादल फटने की चेतावनी समय से मिल पायेगी। इसके अतिरिक्त मौसम सम्बन्धित चेतावनियों हेतु राज्य के 176 स्थानों में अत्याधुनिक उपकरण स्थापित किये गये हैं।
उन्होंने बताया कि आपदा प्रबन्धन विभाग समय-समय पर वाडिया इंस्टीट्यूट, आईआईआरएस, आईआईटी, सीबीआरआई आदि संस्थानों के वैज्ञानिकों से परामर्श एवं विभिन्न कार्यो हेतु उनका सहयोग लेते हैं। उन्होंने सदन को बताया कि वर्तमान में वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान गंगोत्री ग्लेश्यिर की निगरानी कर रहा है।
श्री कौशिक ने बताया कि मौसम विज्ञान विभाग के द्वारा निश्चित ही समय-समय पर मौसम सम्बन्धित पूर्वानुमान और चेतावनियाँ उपलब्ध करवायी जाती हैं। जिसके आधार पर जन-समुदाय को सावधान किये जाने के साथ ही प्रशासन और प्रतिवादन बलों को तैयारी के उच्च स्तर पर रखा जाता है। उन्होंने कहा कि अतः उक्तानुसार आपदा प्रबन्धन विभाग विशेषज्ञों तथा अनुभवी लोगों को अपने साथ जोड़ते हुये अत्याधुनिक तकनीक अपना रहा है तथा इस हेतु योजनायें तैयार की जा रही हैं एवं जनमानस को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।
सं राम
वार्ता
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