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करीब 20 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

कुम्भ मेला परिक्षेत्र (हरिद्वार) 14 अप्रैल (वार्ता) मेष राशि में सूर्य और कुम्भ राशि में बृहस्पति ग्रह के प्रवेश से उत्पन्न अत्यन्त दुर्लभ योग नक्षत्र मेष संक्रान्ति में बुधवार को उत्तराखंड के हरिद्वार और देहरादून जनपद के ऋषिकेश में आयोजित महाकुम्भ मेले में संन्यासियों और आम श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है।
महाकुंभ के मुख्य शाही स्नान मेष संक्रांति के दिन लगभग 20 लाख लोगों ने हर की पौड़ी सहित विभिन्न घाटों पर स्नान किया महाकुंभ का मुख्य शाही स्नान होने के कारण आज सभी तेरह अखाड़ों की पेशवाई बड़े धूमधाम से निकली तथा अपने निर्धारित समय एवं कर्म के अनुसार हर की पौड़ी के लिए प्रस्थान किया जहां पर बारी-बारी से सभी अखाड़ों ने अपने साधु-संतों महामंडलेश्वर एवं नागा सन्यासियों के साथ स्नान किया उनके साथ भारी संख्या में उनके अनुयाई भी वहां पहुंचे और स्नान किया आज की शाम को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की थी हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र को 24 सेक्टरों में बांटा गया था हर जोन में एक जोनल अधिकारी वाह सेक्टर में सेक्टर अधिकारी की नियुक्ति की गई थी कोरोना महामारी के चलते अचानक मेला प्रशासन द्वारा दिखाई गई सख्ती के कारण लोग हरिद्वार नहीं पहुंच पाए और स्नान अपेक्षाकृत फीका रहा सभी बॉर्डर्स पर लोगों की चेकिंग एवं कोरोना जांच की गई जिन लोगों के कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई उन्हें वापस लौटा दिया गया।
हरिद्वार के अंदरूनी इलाकों में जगह-जगह बैरिकेट्स लगाकर लोगों को शहर में भी प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया था जिन रूटों से अखाड़ों ने गुजर रहा था उसके आसपास के इलाकों में जीरो जोन घोषित करके सभी प्रकार के यातायात को बंद किया गया पैदल यात्रियों को भी अन्य मार्गों पर मोड़ दिया गया जिसके कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा और मीलों पैदल चलना पड़ा वही शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने भी आज महाकुंभ के मुख्य शाही स्नान पर्व पर स्नान किया उन्होंने कहा कि आज के स्नान का विशेष महत्व और ग्रहों की युति के कारण हरिद्वार में महाकुंभ का ग्रह योग बन रहा है जिसका स्नान करने का काफी लाभ है उन्होंने भी आज पुण्य कमाया। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने लोगों से अपील की कि वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें मास लगाएं तथा प्रशासन का सहयोग करें।
इस बीच मेला अधिकारी दीपक रावत, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मेला जनमेजय खण्डूरी ने मेष संक्रान्ति कुम्भ शाही स्नान पर ब्रह्म कुण्ड पहुंच कर महाकुम्भ के सकुशल सम्पन्न होने के लिये मां गंगा और अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की।
श्री दीपक रावत सुबह सात बजे से पहले ही मेला नियंत्रण भवन (सी0सी0आर0) अपने कार्यालय में पहुंच चुके थे। कार्यालय पहुंचकर उन्होंने अधिकारियों को महाकुम्भ के सम्बन्ध में कई दिशा-निर्देश दिये। उसके पश्चात वे शाही स्नान रूट का निरीक्षण करते हुये ब्रह्मकुण्ड पहुंचे। जहां उन्होंने महाकुम्भ के सकुशल सम्पन्न होने के लिये मां गंगा व अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की। पूजा-अर्चना के समय श्रीगंगा महासभा के अध्यक्ष प्रदीप झा, अपर मेलाधिकारी डाॅ0 ललित नारायण मिश्र, हरवीर सिंह, सेक्टर मजिस्ट्रेट योगेश मेहरा, गंगा सभा के अन्य पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
पूजा-अर्चना करने के पश्चात मेलाधिकारी हर की पौड़ी स्थित पुल नम्बर-1 पर पहुंचे, जहां पर उन्होंने आठ बजकर 56 मिनट पर शाही स्नान के लिये आ रहे सर्वप्रथम निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द गिरी महाराज, अखाड़े के सचिव और मनसा देवी ट्रस्ट के सचिव महंन्त रवीन्द्र पुरी महाराज, आनन्द अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानन्द गिरि महाराज सहित अन्य सन्तों का स्वागत पुष्प वर्षा व पुष्प माला पहनाकर किया। इसके पश्चात सन्तों के हरकीपैड़ी ब्रहृमकुण्ड पहुंचने पर पूजा-अर्चना एवं विधि-विधान से शाही स्नान का शुभारम्भ हो गया।
सं.संजय
वार्ता
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