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केरल में कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना शुरु

तिरुवनंतपुरम, 02 मई (वार्ता) कोरोना महामारी को लेकर जारी कड़े दिशानिर्देशों तथा व्यापक सुरक्षा प्रबंधों के बीच केरल विधानसभा की 140 सीटों के लिए रविवार की सुबह आठ बजे से मतगणना का काम शुरू हो गया।
मतगणना की शुरुआत सुबह आठ बजे शुरू हुई तथा सबसे पहले डाक मतपत्र की गिनती होगी। इसके ठीक आधे घंटे के बाद साढ़े आठ बजे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में पड़े वोटों की गिनती शुरू होगी।
राज्य में 15वें विधानसभा का चुनाव एक ही चरण में छह अप्रैल को संपन्न हुआ। राज्य में महत्वपूर्ण मुकाबला सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी नीत वात डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) तथा विपक्षी कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के बीच है। भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को भी चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।
राज्य विधानसभा की कुल 140 सीटें हैं। ऐसे में किसी भी पार्टी या गठबंधन को सरकार के गठन के लिए कम से कम 71 सीटों पर जीतना आवश्यक होगा।
एलडीएफ ने वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में एलडीएफ ने 91 सीटें जीती थीं। यूडीएफ को केवल 47 सीटों पर जीत हासिल हुयी थीं। भाजपा नीत राजग ने 14.96 फीसदी वोट हासिल किये थे तथा पहली बार नामोम सीट पर ओ राजगोपाल ने एक सीट पर जीत हासिल की थी। इसके अलावा एक अन्य सीट एक निर्दलीय पी सी जॉर्ज ने जीती थी जिन्होंने बाद में केरल जनपक्षम (सेक्युलर) पार्टी का गठन किया था। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट हिस्सेदारी में 13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी।
चुनाव लड़ने वाले प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (धर्मदाम), भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन (मंजेश्वरम्), मेट्रोमैन ई श्रीधरन (पलक्कड़), स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा (मट्टनूर), पूर्व सीएम ओमन चांडी (पुथुपल्ली), राजस्व मंत्री ई चंद्रशेखरन (कान्हंगद) और पूर्व डीजीपी जैकब थॉमस (इरिन्जालाकुडा) शामिल हैं।
इस बीच, चुनाव आयोग मतगणना प्रक्रिया के लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने वाले सख्त नियमों का एक सेट लेकर आया है। मतगणना अधिकारियों को मास्क और फेस शिल्ड दिया जाएगा। स्टेशन में प्रवेश करने से पहले अधिकारियों और मतगणना एजेंटों को सेनिटाइज़र भी सौंपा जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि छह अप्रैल को केरल में 140 सीटों के लिए एकल चरण विधानसभा चुनाव में 2.74 करोड़ से अधिक मतदाताओं में से 74.02 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि 2016 के विधानसभा चुनावों में यह 77.53 प्रतिशत था।
उप्रेती आशा
वार्ता
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