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त्रिपुरा में कानून का कोई शासन नहीं: देववर्मा

अगरतला, 20 मई (वार्ता) त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी नीत गठबंधन सरकार की सहयोगी आईपीएफटी (इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा) के नेता एवं राज्य में विप्लव कुमार देव मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्री एन सी देववर्मा ने गुरुवार को कानून एवं व्यवस्था के मसले पर राज्य सरकार की तीखी आलोचना की।
श्री देववर्मा पर बुधवार को अगरतला के पास उनके विधानसभा क्षेत्र तकरजला में हमला हुआ था, रिपोर्ट के अनुसार श्री देववर्मा के आईपीएफटी की एक पार्टी की बैठक को संबोधित करने के लिए बुधवार को दोपहर तकरजला के सामुदायिक हॉल में पहुंचने के बाद सैकड़ों लोगों ने उन्हें काले झंडे दिखाये और ‘वापस जाओ’ के नारे लगाए। पिछले महीने स्वायत्त जिला परिषद (एडीसी) के चुनाव में हार के बाद अपने निर्वाचन क्षेत्र का यह उनका पहला दौरा था।
आईपीएफटी ने इस घटना के लिए शाही परिवार से जुड़े प्रद्योत किशोर देबबर्मन की पार्टी टीआईपीआरए मोथा को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि भीड़ राजनीति से प्रेरित थी। पुलिस ने कहा कि जब श्री देववर्मा हॉल के अंदर अपनी पार्टी के नेताओं के साथ बातचीत कर रहे थे तो लोग वहां इकट्ठा होने लगे और अचानक श्री देववर्मा और उनकी पार्टी के खिलाफ काले झंडे दिखाते हुए नारे लगाने लगे।
भीड़ को रोकने के लिए पुलिस ने किसी तरह बैरिकेड लगाये और मंत्री को हॉल से बाहर निकाला। लोगों ने श्री देववर्मा को गालियां दी और कुछ किलोमीटर तक उनके काफिले का पीछा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और आईपीएफटी की प्रतिबद्धता पर विश्वास करते हुए 2018 में आदिवासियों ने पार्टी को सत्ता में लाने में मदद की। पर आईपीएफटी को सत्ता में लाकर वे त्रिपुरा में अनुकरणीय विकास देखना चाहते थे लेकिन पिछले तीन वर्षों में यह सब दिखावा साबित हुआ है।
श्री देववर्मा ने मीडिया से कहा, “ त्रिपुरा में अब कानून का राज नहीं है। अपने जीवन के 85 वर्षों में, मैंने ऐसी स्थिति में कभी नहीं देखी जहां राजनीतिक भीड़ के सामने पुलिस असहाय हो गई हो। किसी के खिलाफ आवाज उठाना या किसी मंत्री की आलोचना करना नागरिकों का लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन यह हिंसक और अपमानजनक नहीं होना चाहिए। मैं ऐसी स्थिति का सामना करने पर वास्तव में परेशान हूं।”
मंत्री ने कहा, “यह लोकतांत्रिक व्यवस्था में जारी नहीं रह सकता। यह स्पष्ट गुंडागर्दी है, राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति एक नये निचले स्तर पर पहुंच गई है। एक मंत्री के रूप में नहीं, राज्य के एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में, मैं राज्य के गृह विभाग से सख्त कार्रवाई करने और सामान्य स्थिति बहाल करने का आग्रह कर रहा हूं। यह शासन में अराजकता का स्पष्ट प्रदर्शन है।”
संजय.श्रवण
वार्ता
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