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आरटीपीसीआर रिपोर्ट फर्जीवाड़ा मामले में केन्द्र एवं राज्य से जवाबतलब

नैनीताल, 20 मई (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कोरोना जांच रिपोर्ट के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़ा एवं ऑक्सीजन कंसट्रेटर को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे में लाने के मामले में दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए केन्द्र एवं राज्य सरकार से आठ जून तक जवाब पेश करने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश आर एस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ ने अधिवक्ता आदित्य प्रताप सिंह के पत्र का संज्ञान लेते हुए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद ये निर्देश जारी किये हैं।
श्री सिंह की ओर से उच्च न्यायालय को भेजे गये पत्र में कहा गया कि देश में कोरोना में बढ़ते मामलों के चलते ऑक्सीजन कंसट्रेटर की मांग बढ़ी है। इससे कालाबाजारी की संभावना है। इसलिये केन्द्र सरकार को मास्क एवं सेनिटाइजर की तर्ज पर इसे भी आवश्यक वस्तु अधिनियम,1955 के दायरे में लाना चाहिए। जिससे कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लायी जा सकेगी।
पत्र में कहा गया है कि कोरोना की आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट के नाम पर प्रदेश में जबर्दस्त फर्जीवाड़ा हो रहा है। गूगल से आनलाइन फर्जी रिपोर्ट निकालकर उसका दुरुपयोग किया जा रहा है। इसी फर्जी रिपोर्ट से ही एक राज्य से दूसरे राज्य में धड़ल्ले से आवाजाही हो रही है। हाल ही में देहरादून में निजी काॅलेजों की एसोसिएशन ने इसका खुलासा किया है।
इससे कोरोना संक्रमण के व्यापक रूप से फैलने का खतरा है। इसलिये इस फर्जीवाड़ा पर रोक लगाने के लिये राज्यों की सीमा पर बार कोड मशीन का उपयोग किया जाये। निजी लैबों द्वारा प्रत्येक जांच रिपोर्ट में एक बार कोड दिया जाता है। जिसमें जांचकर्ता की पूरी जानकारी होती है।
यह भी उल्लेख है कि प्रदेश में सिटी स्कैन जांच के नाम पर भी कालाबाजारी हो रही है। निजी अस्पतालों एवं लैबों द्वारा अधिक दाम वसूले जा रहे हैं। इसके लिये राज्य सरकार को पूरे प्रदेश में दाम तय करने के लिये निर्देश जारी करें। देहरादून और नैनीताल जनपद को छोड़कर अन्य जिलों में इसके दाम तय नहीं हैं।
इस मामले में बतौर इन पर्सन पेश हुए अधिवक्ता आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि पीठ ने सुनवाई के बाद केन्द्र और राज्य सरकार से आठ अप्रैल तक जवाब पेश करने को कहा है। साथ ही केन्द्र सरकार को तीन दिन के अंदर पक्षकार बनाने के निर्देश श्री सिंह को दिये हैं। इस मामले में अगली सुनवाई नौ जून को होगी।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
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