राज्य » अन्य राज्यPosted at: May 21 2021 6:20PM सुंदरलाल बहुगुणा की पार्थिव देह राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीनऋषिकेश, 21 मई (वार्ता) हिमालय रक्षक, चिपको आंदोलन के प्रणेता और विख्यात पर्यावरणविद पद्मविभूषण से सम्मानित सुंदर लाल बहुगुणा का उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित पूर्णानंद घाट पर शुक्रवार अपराह्न पूर्ण राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके पुत्र राजीव नयन ने उन्हें मुखाग्नि दी। श्री बहुगुणा को आज मध्याह्न निधन हो गया था। उनका आठ मई से ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उपचार चल रहा था आज मध्याह्न उन्हाेंने अंतिम सांस ली। उनकी कोविड-19 नियमों के अनुसार, ऋषिकेश में ही पूर्णानन्द घाट पर अंत्येष्टि की गई। उनके पार्थिव शरीर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द्र अग्रवाल, जिला अधिकारी देहरादून डाॅक्टर आशीष श्रीवास्तव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डाक्टर योगेंद्र रावत ने पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धाजंलि अर्पित कीं।श्री बहुगुणा को सशस्त्र पुलिस जवानों ने अंतिम सलामी दी। पार्थिव देह को उनके पुत्र राजीव नयन ने मुखाग्नि दी। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि आज हमने देश के एक बहुमूल्य रत्न को खो दिया। हिमालय की रक्षा और पर्यावरण की सुरक्षा के लक्ष्य को सदैव सर्वोपरि रखने वाले बहुगुणा जी ने सर्वोदय आंदोलन, चिपको आंदोलन से लेकर स्वतंत्रता संग्राम में अपना ऐतिहासिक योगदान दिया। श्री अग्रवाल ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि कई विषयों पर उनके साथ उनकी चर्चा होती थी और वह हमेशा मार्गदर्शक की भूमिका अदा करते थे। उन्होंने कहा की उनके जाने से एक युग की समाप्ति हुई है।सं. उप्रेतीवार्ता