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आईपीएफटी ने शाही वंशज प्रद्योत पर पार्टी नेताओं को तोड़ने का आरोप लगाया

अगरतला, 01 जुलाई (वार्ता) त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने पार्टी विधायक बृशकेतु देबबर्मा के इस्तीफे के एक दिन बाद टिपरा इंडिजिनस प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन (टीआईपीआरए) के प्रमुख और शाही वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मन पर हमला बाेला और उन पर आईपीएफटी नेताओं को तोड़ने का आरोप लगाया।
आईपीएफटी के प्रवक्ता मंगल देबबर्मन ने आरोप लगाया कि श्री बृशकेतु को पार्टी छोड़ने के लिए प्रद्योत ने प्रेरित किया था और इस बात के पर्याप्त संकेत हैं कि वह ( श्री बृशकेतु) शीघ्र ही टीआईपीआरए में शामिल होंगे और उसी सीट से विधानसभा उपचुनाव भी लड़ सकते हैं। उन्होंने प्रद्योत पर ग्रेटर ट्विपरालैंड के निर्माण के नाम पर अनुचित राजनीति करने और लोगों को बरगलाने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि जब आईपीएफटी ने स्वदेशी समुदायों को अधिक स्वायत्तता और उनके सशक्तिकरण को लेकर टिपरालैंड के लिए एक बहुत ही तर्कसंगत और व्यावहारिक मांग उठाई, तो सभी राजनीतिक दलों ने उनकी पार्टी को ‘ सांप्रदायिक’ करार दिया लेकिन टीआईपीआरए ने एडीसी चुनाव में जीत के बाद राजधानी शहर और मिश्रित आबादी वाले हिस्से को मिलाकर ग्रेटर ट्विपरालैंड बनाने का प्रस्ताव पारित किया , तब इन पार्टियों ने खामोशी अख्तियार कर ली। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रद्योत किशोर ग्रेटर ट्विपरालैंड के नाम पर न केवल गरीब आदिवासियों , बल्कि अन्य राजनीतिक दलों और प्रदेश की जनता को भी बरगला रहे हैं।
इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष रेवती मोहन दास ने स्पष्ट किया कि विधायी प्रक्रिया का पालन नहीं किये जाने के कारण श्री बृशकेतु का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा , “ अगर वह इस्तीफा देना चाहते हैं, तो उन्हें मुझसे व्यक्तिगत रूप से मिलना होगा और पूरी औपचारिकताओं और प्रक्रियाओं के तहत त्यागपत्र प्रस्तुत करना होगा। ”
टंडन जितेन्द्र
वार्ता
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