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त्रिपुरा के पूर्व मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में प्राथमिकी दर्ज

अगरतला 03 जुलाई (वार्ता) त्रिपुरा पुलिस की सतर्कता शाखा ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उद्योग मंत्री पवित्र कार के खिलाफ भ्रष्टाचार और वित्तीय अपराध के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है।
पुलिस ने कहा पुलिस उपाधीक्षक (सतर्कता) जेरेमिया डारलोंग ने त्रिपुरा जेआईसीए परियोजना, ओबीसी निगम, सूचना प्रौद्योगिकी, त्रिपुरा उद्योग विकास निगम , त्रिपुरा प्रौद्योगिकी संस्थान और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान की विभिन्न परियोजनाओं के क्रियान्वयन में श्री कार द्वारा 28 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार की प्रारंभिक जांच के आधार पर शिकायत दर्ज की है।
बोधजंगनगर थाना के ओसी तापस मालाकार ने कहा,“हमने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2)/13(1)(सी) के तहत मामला दर्ज किया है और कानून के अनुसार ऐसे हाई प्रोफाइल मामलों की जांच पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारियों द्वारा की जा रही है। इस मामले के लिए न्यू कैपिटल कॉम्प्लेक्स के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पिया माधुरी मजूमदार को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
श्री कार 1998 और 2003 में माणिक सरकार के तहत तीसरी और चौथी वाम मोर्चा सरकार में उद्योग और सूचना प्रौद्योगिक (आईटी) मंत्री रहे थे लेकिन उन्हें 2006 में संविधान के 91वें संशोधन के बाद मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया था, जिसमें छोटे राज्यों में मंत्रिपरिषद में कुल सदस्यों की संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।
मंत्रिमंडल से बाहर करने के बाद श्री कार को त्रिपुरा औद्योगिक विकास निगम को अध्यक्ष चुना गया। कथित तौर पर सतर्कता जांच के दौरान यह पाया गया कि श्री कार ने उद्योग और वाणिज्य और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में शक्ति का दुरुपयोग करते हुए एक बड़े फंड का दुरुपयोग किया था।
जांच अधिकारी सुश्री मजूमदार ने हालांकि कहा कि उन्हें अभी तक इस मामले की जांच के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने पदभार संभालने के एक साल बाद माकपा के दिग्गज नेता और पूर्व लोक कल्याण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री बादल चौधरी, पूर्व मुख्य सचिव वाई पी सिंह और पूर्व मुख्य अभियंता सुनील भौमिक पर 600 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया हैं और तीन महीने तक जेल में रखा गया लेकिन पुलिस अभी तक उनमें से किसी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल नहीं कर पाई है।
उप्रेती टंडन
वार्ता
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