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पिथौरागढ़ के आपदाग्रस्त जुम्मा गांव में मलबे से पांच शव निकाले गये, दो लोग लापता

नैनीताल, 30 अगस्त (वार्ता) उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद के नेपाल सीमा से सटे जुम्मा गांव में बादल फटने से हुई तबाही में लापता सात लोगों में से पांच के शव बरामद कर लिये गये हैं। जिनमें तीन मासूम बच्चे और एक महिला भी शामिल हैं। दो लोग अभी भी लापता हैं। मौके पर प्रशासन और राहत एवं बचाव टीमें युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी हालात पर पूरी नजर बनाये हुए हैं। उन्होंने कुमाऊं के आयुक्त सुशील कुमार और अपर जिलाधिकारी फिंचाराम से हालात की पूरी जानकारी ली और पीड़ितों के हरसंभव मदद के निर्देश दिये हैं। उन्होंने प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने और उनके रहने-खाने और बच्चों के दूध-दवाई की पूरी व्यवस्था करने के भी निर्देश प्रशासन को दिये हैं।
धारचूला के उच्च हिमालयी क्षेत्र में बसे जुम्मा गांव में बीती रात को बादल फटने से जामुनी और सिरौउडियार तोक में जबर्दस्त तबाही का मंजर देखने को मिला है। कई घर मलबे की भेंट चढ़ गये और कुछ का नामोनिशान ही मिट गया है। लापता सात लोगों में से पांच के शव बरामद कर लिये गये हैं। ग्रामीण योगा सिंह के तीन मासूम बच्चे संजना, रेनू और शिवानी इस हादसे के शिकार हो गये। उनके शव मलबे से सुबह ही निकाल लिये गये थे। इसी प्रकार गांव की ही एक अन्य महिला सुनीता देवी एवं एक अन्य शव भी मलबे से निकाल लिया गया है। दो लोग अभी भी लापता बताये जा रहे हैं।
मौके पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस एवं राजस्व विभाग की टीम के अलावा एसएसबी के जवान सुबह से ही राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं। गांव में जबर्दस्त नुकसान हुआ है। कुछ घर इस बाल-बाल बच गये हैं। यह भी बताया जा रहा है कि चार मकान खतरे की जद में आ गये हैं। उन परिवारों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है।
जिलाधिकारी आशीष चौहान एवं एसएसपी सुखबीर सिंह सुबह ही प्रभावित गांव पहुंच गये थे और राहत एवं बचाव कार्य का नेतृत्व कर रहे हैं। हेलीकाप्टर से मेडिकल टीम एवं राहत सामग्री को भी गांव में पहुंचाया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र में सड़क एवं सम्पर्क मार्गों को भी तुरंत खोलने के भी निर्देश दिये हैं। घायलों को भी हरसंभव उपचार देने को भी कहा गया है। उन्होंने कहा कि वह इस दुख की घड़ी में आपदा पीड़ितों के साथ हैं और मौसम खराब होने के कारण वह वहां नहीं पहुंच पा रहे हैं।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
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