राज्य » अन्य राज्यPosted at: Sep 8 2021 7:35PM परिसम्पत्ति मामला:केन्द्र, उप्र को मिला एक और मौकानैनीताल 08 सितंबर (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड परिवहन निगम के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे के मामले में केन्द्र व उप्र सरकार को एक और मौका देते हुए आगामी 15 सितम्बर को तीनों की एक संयुक्त बैठक बुलाने और मामले के समाधान के निर्देश दिये हैं। साथ ही अदालत ने इस मामले की रिपोर्ट 16 सितम्बर को अदालत में सौंपने को कहा है। रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में हुई। उत्तराखंड के परिवहन सचिव रंणजीत सिन्हा की ओर से अदालत को बताया गया कि परिसंपत्तियों के बंटवारे के मामले में दोनों राज्यों के बीच चार बार बैठक बुलायी जा चुकी है लेकिन चारों बार बैठक टल गयी।केन्द्र सरकार के अधिवक्ता से जब इस मामले में पूछा गया तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये। इसके बाद अदालत ने अंतिम मौका देते हुए केन्द्र सरकार की अध्यक्षता में आगामी 15 सितम्बर को दोनों राज्यों की बैठक बुलाने और मामले के समाधान के निर्देश दिये हैं। साथ ही बैठक की रिपोर्ट अगली तिथि को अदालत में सौंपने को कहा है।इसके साथ ही राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि परिवहन निगम के कर्मचारियों को जून तक का वेतन दे दिया गया है। जुलाई महीने के वेतन के भुगतान के लिये 16.2 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी गयी है। बाकी महीनों के वेतन के लिये केबिनेट के समक्ष प्रस्ताव रखा जायेगा। केबिनेट की स्वीकृति मिलते ही भुगतान कर दिया जायेगा।इसके अलावा कर्मचारी यूनियन की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार ने कर्मचारियों के वेतन के मद में कटौती कर दी है। अदालत ने कर्मचारी यूनियन को इस प्रकरण में नयी याचिका दायर करने को कहा है। उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर से वर्ष 2019 में एक जनहित याचिका दायर कर उप्र व उत्तराखंड के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारा नहीं होने को चुनौती दी गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि परिसंपत्तियों का बंटवारा नहीं होने से परिवहन निगम की आर्थिक हालत खराब हो गयी है। जिससे निगम अपने कर्मचारियों को वेतन व अन्य मदों का भुगतान नहीं कर पा रहा है। रवीन्द्र.संजयवार्ता