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असम में पुलिस, लोगों के बीच झड़प, दो की मौत, सात पुलिसकर्मी घायल

गुवाहाटी, 23 सितंबर (वार्ता) असम के दारंग जिले के सिपाझार इलाके में ‘अवैध अतिक्रमणकारियों’ से जमीन खाली करने के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाए गए एक बेदखली अभियान के दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच संघर्ष में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और सात पुलिस कर्मियों सहित कई अन्य घायल हो गए। .
घटना का एक कथित वीडियो वायरल हो गया है जिसमें स्थानीय लोगों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ बेदखली अभियान का विरोध करने के बाद नागरिकों पर पुलिस की ओर से गोलीबारी को दिखाया गया है।
वीडियो में एक प्रदर्शनकारी को गिरते हुए दिखाया गया है और इसके बाद पुलिस ने उसकी बेरहमी से पिटाई की।
दरांग की उपायुक्त प्रभाती थाओसेन ने स्थानीय मीडियाकर्मियों को बताया,“हमें सूचना मिली है कि हिंसक झड़पों में दो अवैध अतिक्रमणकारियों के मारे जाने और सात पुलिस कर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं।”
राज्य के वरिष्ठ मंत्री चंद्रमोहन पटोवरी, पद्मा हजारिका और भारतीय जनता पार्टी के महासचिव दिलीप सैकिया स्थिति का जायजा लेने के लिए राजधानी गुवाहाटी से लगभग 56 किलोमीटर दूर घटना स्थल सिपाझार पहुंच गए हैं।
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के विधायक अशरफुल हुसैन ने ट्वीट किया,“फासीवादी, सांप्रदायिक और कट्टर सरकार की आतंकवादी ताकत ने अपने ही नागरिकों पर गोली चलायी। इन ग्रामीणों की बेदखली के खिलाफ अपील उच्च न्यायालय में लंबित है। क्या सरकार अदालत के आदेश तक इंतजार नहीं कर सकती?”
गुरुवार सुबह, जब दारंग जिला प्रशासन के अधिकारी सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों के एक विशाल दल के समर्थन के साथ बेदखली अभियान को अंजाम देने के लिए सियाझार-धौलपुर इलाके में पहुंचे, तो स्थानीय लोगों ने विरोध किया।
विरोध जल्द ही हिंसक हो गया, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों और अन्य जिला प्रशासन के अधिकारियों पर लाठी और अन्य धारदार हथियारों से ‘हमला’ किया।
भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई।
सिपाझार में सोमवार को प्रशासन और पुलिस ने कम से कम 800 परिवारों को सरकारी जमीन से बेदखल कर दिया था।
संजय जितेन्द्र
वार्ता
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