राज्य » अन्य राज्यPosted at: Oct 4 2021 5:03PM एनएचआरसी ने पुलिस महानिदेशक से कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने को कहाकेंद्रपाड़ा, 04 अक्टूबर (वार्ता) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने केन्द्रपाड़ा जिले की राजकनिका तहसील के अंतर्गत भारिगुड़ा में खरसरोटा नदी में मेगा पेयजल आपूर्ति परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर कथित पुलिस अत्याचार पर पुलिस महानिदेशक से चार सप्ताह में कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) मांगी है। मानवाधिकार कार्यकर्ता प्रताप चंद्र मोहंती द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मानवाधिकार आयोग ने 1 अक्टूबर को पारित अपने आदेश में पुलिस महानिदेशक को कहा कि अगर उन्हें ऐसा यदि कोई नोटिस या आदेश राज्य मानवाधिकार आयोग से प्राप्त हुआ है तो चार सप्ताह में आयोग को इस संबंध में सूचित किया जाना चाहिए।क्षेत्र के लोग इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उनका कहना है कि यह परियोजना भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान की जैव विविधता को गंभीर रूप से प्रभावित करेगी और खरसरोटा नदी को शुष्क बना देगी।श्री मोहंती ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि 12 अगस्त को वरिष्ठ कार्यकारी प्रशासक शिबा प्रसाद बिस्वाल की ओर से दर्ज प्राथमिकी के आधार पर राजकनिका पुलिस ने 800 से अधिक स्थानीय लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए और अनेक निर्दोष नागरिकों समेत 24 से अधिक लोगों को बिना किसी जांच के धारा 395,307,427 ,436,511 ,452,34 के तहत गिरफ्तार कर लिया।उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने एक ही परिवार के दो कमाऊ लोगों को गिरफ्तार कर लिया था और जमानत पर उनकी रिहाई नहीं होने के बाद उनके छोटे भाई ने आत्महत्या कर ली थी । उसके अंतिम संस्कार के लिए परिवार की महिलाओं को घर घर भीख मांगनी पड़ी थी। श्री मोहंती ने इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से हस्तक्षेप करते हुए मुख्य सचिव को उच्च स्तरीय जांच करने तथा पीड़ितों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान किए जाने के निर्देश दिए जाने की अपील की थी।उन्होंने मानवाधिकार आयोग से यह अपील भी की थी कि जिस व्यक्ति ने आत्महत्या की थी उसके परिजनों को 20 लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने के लिए मुख्य सचिव को निर्देश जारी किए जाएं।जितेन्द्र वार्ता