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चारा घोटाले मामले में याचिकाकर्ता को लगा झटका, जनहित याचिका निस्तारित

नैनीताल 06 अक्टूबर (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश में चारा घोटाले को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को झटका देते हुए सरकार को चार माह के अंदर प्रत्यावेदन देने के निर्देश दिये हैं। इसके साथ ही याचिका को पूरी तरह से निस्तारित कर दिया।
मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में हुई। मामले को गौरी मौलेखी की ओर से चुनौती दी गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2019-20 में उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड द्वारा उत्तरकाशी एवं पिथौरागढ़ जनपद में भेड़ एवं बकरियों के पशु आहार की खरीद में भारी अनियमितता की गयी है।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सरकार की ओर से पहले उधमसिंह के रूद्रपुर स्थित पशु आहार निर्माणशाला से 2050 रुपये प्रति क्र्विंटल की शासकीय दर से पशु आहार खरीदा जाता था लेकिन वर्ष 2019-20 में पंजाब के खन्ना स्थित सरदार फीड निर्माता मै0 सुधर्मा इंडस्ट्रीज से 3204 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद की गयी। याचिकाकर्ता की ओर से आरोप लगाया गया कि डेढ़ गुना महंगा दामों पर 191 क्विंटल पशु आहार खरीदा गया।
याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया है कि पशु आहार की ढुलाई में भी भारी अनियमिता की गयी है। ढुलाई के लिये भी कई गुना दाम दिये गये हैं। इसके अलावा याचिकाकर्ता की ओर से यह भी आरोप लगाया गया है कि सरकार ने आस्ट्रेलिया से 14 करोड़ की ऐसे भेड़े खरीदी हैं जो प्रदेश की आर्थिक स्थिति को कोई फायदा नहीं पहुंचा सकती हैं। भेड़ें बूढी हैं और उनकी खरीद में जन्म तिथि का उल्लेख नहीं किया गया है।
याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस मामले की जांच की जा रही है। याचिकाकर्ता की ओर से मामले की जांच 14 दिन में पूरी करने और इस दौरान आरोपियों को स्थानांतरित करने की मांग की गयी है।
मामले को सुनने के बाद अदालत ने जनहित याचिका की पोषणीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि शासन द्वारा मामले की पहले से जांच की जा रही है। साथ ही अदालत ने उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड को पक्षकार बनाने के बजाय अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से पक्षकार बनाये जाने पर भी आपत्ति जताई। अदालत ने याचिकाकर्ता को व्यक्तिगत नामों को हटाने के साथ ही सरकार को चार माह में प्रत्यावेदन देने के निर्देश दिये हैं। इसके साथ ही अदालत ने याचिका को पूरी तरह से निस्तारित कर दी है।
रवीन्द्र.संजय
वार्ता
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कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शशिकला के खिलाफ  खारिज किया मतदाता रिश्वत मामला

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शशिकला के खिलाफ खारिज किया मतदाता रिश्वत मामला

18 Apr 2024 | 7:29 PM

बेंगलुरु, 18 अप्रैल (वार्ता) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने गुरुवार को 2023 राज्य विधानसभा चुनाव से संबंधित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक और पूर्व मंत्री शशिकला जोले के खिलाफ 'मतदाता रिश्वत' मामला खारिज कर दिया।

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