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नागालैंड के फेक जिले में जीवाणु रोग से 200 से अधिक भैंसों की मौत

कोहिमा, 10 अक्टूबर (वार्ता) नागालैंड में फेक जिले के मेलुरी अनुमंडल में हैमरेजिक सेप्टिसीमिया नामक जीवाणु रोग से कुल 204 भैंसों की मौत हो गई है और यहां इस तरह का पहला मामला चार सितंबर को दर्ज किया गया था।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, नागालैंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनएसडीएमए) के सहायक प्रबंधक जोंजी ओडो के नेतृत्व में एक संयुक्त जांच दल, डॉ शिपातु थुपिटोर, पशु चिकित्सा सहायक सर्जन, मेलुरी ; सी सलीमसे संगतम, अतिरिक्त सहायक आयुक्त, लेफोरी; डेविड थुपिटोर, नोडल अधिकारी, डीडीएमए-फेक; और कटी जमीर, सलाहकार, एनएसडीएमए सदस्य ने 7 अक्टूबर से नौ अक्टूबर तक मेलुरी सब-डिवीजन के कंजंग, रेगुरी और अखेन गांवों में मवेशियों की मौतों की घटनास्थल पर जांच की । उन्होंने मेडिकल रिपोर्ट में इसका कारण बताया कि यह बीमारी रक्तस्रावी सेप्टिसीमिया है जो मुख्य रूप से मवेशियों और भैंसों को प्रभावित करती है।
आकलन के अनुसार, कुल 204 मवेशियों की मौतों की पुष्टि हुई थी, रेगुरी गांव से 112, कंजंग गांव से 82 और अखेन गांव से 10 भैंसों की मौत हुई थी, जबकि कई भैंस अभी भी लापता हैं। चिकित्सा रिपोर्टों से पता चलता है कि इन सभी की मौत का कारण रक्तस्रावी सेप्टिसीमिया है। यह एक जीवाणु रोग है जो मुख्य रूप से मवेशियों और भैंसों को प्रभावित करता है।
टीम ने यह भी बताया कि इस आपदा से रेगुड़ी, कंजंग और अखेन गांवों के कुल 106 किसान परिवार प्रभावित हुए हैं। टीम ने प्रत्येक गांव के सदस्यों के साथ संवाद सत्र आयोजित कर उनकी परेशानियों का पता लगाने की कोशिश की है तथा यह निष्कर्ष निकाला कि इस अप्रत्याशित आपदा ने इन परिवारों को भारी आर्थिक संकट में डाल दिया है क्योंकि वे न केवल दैनिक आधार पर दूध , दही और अन्य कार्यों के लिए बल्कि कृषि उद्देश्यों के लिए भी जानवरों पर अत्यधिक निर्भर हैं। जितेन्द्र वार्ता
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