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विजयदशमी पर निश्चित हुई कई कपाट बंद होने की तिथि

उखीमठ/मक्कूमठ (रूद्रप्रयाग), 15 अक्टूबर (वार्ता) उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में स्थित अनेक विख्यात तीर्थ धामों के कपाट शीतकाल के लिये बन्द होने की तिथि शुक्रवार को विजय दशमी के अवसर पर निश्चित कर दी गई।
चार धाम देवस्थानम परिषद के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार द्वितीय केदार भगवान श्री मद्महेश्वर जी के कपाट शीतकाल के लिए सोमवार 22 नवंबर को प्रात: साढे आठ बजे वृश्चिक लग्न में बंद हो जायेंगे, जबकि श्री मद्महेश्वर मेला बृहस्पतिवार 25 नवंबर को आयोजित होगा। इसके साथ ही, तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट शनिवार 30 अक्टूबर को अपराह्न एक बजे शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे।
आज पंचकेदार गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पुजारी, आचार्यगणों एवं पंचगाई हक-हकूकधारियों तथा देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति में विधि-विधान पूर्वक पंचाग गणना के पश्चात कपाट बंद होने की तिथि निश्चित की गयी। तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दी स्थल श्री मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में निश्चित हुई है। कपाट बंद होने के पश्चात भगवान मद्महेश्वर की चलविग्रह डोली 22 नवंबर को गौंडार, 23 नवंबर को रांसी, 24 नवंबर को गिरिया प्रवास करेगी। पच्चीस नवंबर को चल विग्रह डोली श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी 25 नवंबर को मद्महेश्वर मेला आयोजित किया जायेगा।
विज्ञप्ति के अनुसार श्री तुंगनाथ जी की चलविग्रह डोली 30 अक्टूबर को चोपता, 31 अक्टूबर को भनकुंड तथा एक नवंबर को गद्दीस्थल श्री मार्कंडेय मंदिर में विराजमान होंगी इसी के साथ गद्दीस्थलों में शीतकालीन पूजा शुरू हो जायेंगी। श्री मद्महेश्वर भगवान के कपाट बंद होने की तिथि तय करने के लिए आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में वेदपाठी यशोधर मैठाणी, पुजारी शिवशंकर लिंग, पुजारी गंगाधर लिंग,सहायक अभियंता गिरीश देवली, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल,पुर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट, सत्यप्रसाद सेमवाल, एलपी भट्ट मनोज शुक्ला, अनूप पुष्पवान, प्रेम सिंह रावत, दीपक पंवार आदि मौजूद रहे।
श्री तुंगनाथ जी के कपाट बंद होने की तिथि निर्धारित करने के कार्यक्रम में मठापति राम प्रसाद मैठाणी, बदरीनाथ धाम के पूर्व मंदिर अधिकारी भूपेंद्र प्रसाद मैठाणी, प्रबंधक बलबीर नेगी तथा मैठाणी आचार्य गण मौजूद रहे।
सं.श्रवण
वार्ता
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