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कोरोना से निपटने के लिए संघ ने तैयार किये 10 लाख स्वयंसेवक

धारवाड़, 26 अक्तूबर (वार्ता) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए देश के डेढ़ लाख से अधिक स्थानों पर दस लाख से अधिक कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया है और यह सिलसिला अभी जारी है।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने गुरुवार से यहां हो रही तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के बारे में जानकारी देने के लिए आज यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अनुमान लगाया जा रहा था। तीसरी लहर से निपटने के लिए जुलाई में हुई प्रांत प्रचारकों की बैठक में कार्यकर्ताओं के विशेष प्रशिक्षण पर विचार हुआ था। उसके बाद देशभर में 1.5 लाख से अधिक स्थानों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम हो चुका है तथा 10 लाख से अधिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है।
श्री आंबेकर ने बताया कि अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक 28 से 30 अक्टूबर तक धारवाड़ स्थित राष्ट्रोत्थान विद्या केंद्र में आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि आशा है कि कोविड महामारी की तीसरी लहर न आये लेकिन फिर भी परिस्थिति की तैयारी को लेकर बैठक में चर्चा होगी।
बैठक के एजेंडा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से बंगलादेश में हिन्दुओं पर निरंतर हमले हुए हैं। हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। इन घटनाओं की विश्व भर में निंदा हुई है। कार्यकारी मंडल की बैठक में इस मुद्दे को लेकर विशेष रूप से चर्चा होगी और सर्वसम्मत निर्णय होने पर प्रस्ताव भी पारित होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि देश स्वाधीनता के 75 वर्ष पर अमृत महोत्सव मना रहा है। इस अवसर पर देश में अनेक कार्यक्रम होंगे, इसे लेकर भी बैठक में चर्चा होगी। देश के स्व के जागरण, अज्ञात या अल्पज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों की जानकारी सबके समक्ष आए, इसे लेकर भी चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि 1925 में संघ की स्थापना हुई थी, और 2025 में संघ के 100 वर्ष पूरे होने वाले हैं। संघ के कार्य विस्तार की दृष्टि से विचार किया था और तीन वर्ष की योजना पर कार्य चल रहा है। इस योजना पर भी बैठक में विस्तार से चर्चा होगी। इसके साथ ही कार्यकर्ताओं के विकास को लेकर भी चर्चा होगी। कार्यकारी मंडल में श्री गुरु तेगबहादुर जी के 400वें प्रकाश वर्ष पर होने वाले कार्यक्रमों को लेकर भी चर्चा होगी।
आरएसएस वर्ष में दो बार इस प्रकार की बैठकों का आयोजन करता है। मार्च में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बैठक होती है जबकि दशहरे एवं दीपावली के बीच कार्यकारी मंडल की बैठक होती है। प्रतिनिधि सभा की बैठक में कार्य विस्तार की दृष्टि से योजना बनाते हैं तथा अक्टूबर में होने वाली बैठक में कार्य की समीक्षा करते हैं। बैठक में करीब 350 सदस्यों के भाग लेने की संभावना है जिनमें सभी प्रांतों एवं क्षेत्रों के संघचालक, कार्यवाह एवं प्रचारक तथा अखिल भारतीय कार्यकारिणी सहित कुछ संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्री अपेक्षित हैं। बैठक के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन होगा।
पिछले वर्ष से लेकर जुलाई तक सारी बैठकें ऑनलाइन माध्यम के साथ ही कम संख्या में प्रत्यक्ष उपस्थिति के साथ संपन्न हुईं थीं। अब पहली बार पूर्ण उपस्थिति में कार्यकारी मंडल की बैठक हो रही है।
सचिन, उप्रेती
वार्ता
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