राज्य » अन्य राज्यPosted at: May 30 2022 8:14PM अभिषेक बनर्जी के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेने की याचिका खारिजकोलकाता, 30 मई (वार्ता) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की न्यायपालिका पर कथित टिप्पणी के खिलाफ स्वप्रेरित मामला चलाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी। हालांकि, उच्च न्यायालय की विशेष खंडपीठ ने कहा कि सार्वजनिक पदों पर बैठे व्यक्ति को न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाली कोई भी टिप्पणी करने से बचना चाहिए। अधिवक्ता कौस्तुभ बागची ने हल्दिया में शनिवार को एक जनसभा में अभिषेक बनर्जी की टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ स्वप्ररित मामला चलाने की अनुमति मांगी थी। जिसमें डायमंड हार्बर के सांसद पर न्यायपालिका को लोगों की नजर में नीचा दिखाने का आरोप लगाया गया था। न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य और न्यायमूर्ति अजय कुमार मुखर्जी की पीठ ने मामले को खारिज करते हुए कहा कि सार्वजनिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को ऐसी टिप्पणी करने से बचना चाहिए जो न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। गौरतलब है हल्दिया में श्री बनर्जी ने कहा था कि मुझे यह कहते हुए शर्म आती है कि न्यायपालिका में एक या दो लोग हैं जो मिले हुये है और मौन समझ रखते हैं और हर मामले में सीबीआई जांच कराने का आदेश दे रहे हैं। इस तरह के लोग न्यायपालिका में सिर्फ एक प्रतिशत है। अगर आपको लगता है कि आप सच बोलने के लिए मेरे खिलाफ कार्रवाई करेंगे, फिर मैं एक हजार बार सच बोलूंगा।सैनी, सोनियावार्ता