Friday, Apr 19 2024 | Time 18:37 Hrs(IST)
image
राज्य » अन्य राज्य


कर्नाटक में हिंदुओं द्वारा निर्मित दरगाह सर्व धर्म समभाव का नजीर

बेलगावी 07 अगस्त (वार्ता) कर्नाटक के बेलगावी जिले के सावदत्ती तालुक में एक छोटा सा गांव हरलापुर है जहां हिंदुओं ने ना केवल एक दरगााह का निर्माण किया है बल्कि वहां मुसलमानों का हर पर्व मनाकर सर्व धर्म समभाव का नजीर भी पेश करते हैं।
दिलचस्प बात यह है कि इस गांव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है। स्थानीय लोगों के विचार व दिमाग धार्मिक समरसता में बहुत बड़ा माना जाता है। इसलिए हिंदुओं ने यहां एक फकीर स्वामी दरगाह बनाई है और अब वे मुहर्रम मना रहे हैं।
मुहर्रम यहां हर साल भव्यता के साथ मनाया जाता है। मुस्लिम धर्म के सभी अनुष्ठान यहां हिंदुओं द्वारा किए जाते हैं, जिसमें पंजा की स्थापना, पूजा, डोली का निर्माण और उनके जुलूस को धारा में शामिल किया जाता है। इस बार भी वे दो हफ्ते से तैयारी कर रहे थे।
अधिकांश लोगों ने अपने घरों में नए कपड़े खरीदे हैं। संत राजू गंजी मास्टर के मार्गदर्शन में युवाओं ने लाजिम और कोलाटा प्रशिक्षण आयोजित किया है। युवा पुट्टनागौड़ा पाटीला की सुरीली आवाज में कथन के शब्दों को सुनना अद्भुत है। लोग यहां दिन-रात नाचते गाते हैं। त्योहार के दिन एक जुलूस के सामने, रंग-बिरंगे कपड़े पहने और रंग-बिरंगे गुलदस्ते पकड़े हुए नृत्य करना एक संस्कार है।
जैसा कि गांव के बड़े बताते हैं मुहर्रम और उर्स यहां चार पीढ़ियों से मनाया जाता रहा है। गांव के वरिष्ठ लोगों और युवाओं ने चंदा एकत्र किया और आठ लाख रुपये की लागत से फकीर स्वामी दरगाह का निर्माण किया।
यह दरगाह इस मामले में भी अनूठा है कि यहां हिंदू, बौद्ध, ईसाई, वीरशैव- लिंगायत देवताओं और महात्मा की तस्वीरों की भी पूजा की जाती है।
बताया जाता है कि पहले इस कस्बे में मुस्लिम समुदाय का एक फकीर भगवान की चार मूर्तियों की पूजा करता था। उनकी मृत्यु के बाद, उन्हें रामचंद्र निंबकार के खेत में दफनाया गया था। वहाँ से वे मुट्ठी भर मिट्टी लाए और गांव के मुख्य भाग में एक मकबरा बनाया। गांव के लोग यह नहीं जानते कि वह फकीर कहां से आया था।
फकीर गांव के लोगों के लिए एक मार्गदर्शक था। फकीर हिंदुओं के लिए भगवान से कम नहीं माने जाते और वृद्ध लोग उन्हें फकीरेश्वर कहते हैं।
दरगाह के ठीक बगल में एक बड़ा नीम का पेड़ है। जिन लोगों को सांप ने काट लिया है, उन्हें इस नीम के पेड़ के पत्ते और दरगाह का प्रसाद खिलाया जाता है। उल्टी होने के तुरंत बाद सांप के काटे हुए व्यक्ति की जान बच जाती है।
संध्या.संजय
वार्ता
image