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त्रिपुरा के अनानास और 12 अन्य उत्पादों को मिला जीआई टैग

अगरतला, 15 मई (वार्ता) त्रिपुरा के क्वीन अनानास और पूर्वोत्तर के 12 अन्य फलों तथा सब्जियों के साथ जीआई टैग मिला है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डीओएनईआर) के अधिकारियों ने साेमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तर पूर्वी क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम (एनईआरएएमएसी) की पहल से त्रिपुरा के क्वीन अनानास और पूर्वोत्तर के 12 अन्य फलों तथा सब्जियों के साथ जीआई टैग मिल गया है। मंत्रालय ने जीआई टैगिंग की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाया है और क्षेत्र के लगभग 800 किसानों को दुनिया भर में बौद्धिक संपदा अधिकार के लिए विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति और गुणवत्ता को लेकर विशेष दावों का लाभ लेने के लिए अधिकृत किया है।
अधिकारियों ने बताया कि एनईआरएएमएसी के इस समूह में काम करने वाले किसानों को उनका प्रमाणीकरण इस्तेमाल करने के लिए अधिकृत करने के बाद पूर्वोत्तर के ऐसे अन्य विशिष्ट उत्पादों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ावा देने का फैसला लिये जाने की भी संभावना है।
त्रिपुरा की क्वीन अनानास के अलावा, अरुणाचल नारंगी, मिजो मिर्च, कचाई नींबू, खासी मंदारिन, तेजपुर लीची, सिक्किम बड़ी इलायची, कार्बी आंगलोंग अदरक, नागा ट्री टमाटर, 'चक-हाओ' काला चावल, मेमांग नारंग, डल्ले खुरसानी और नागा मीठी ककड़ी को भी जीआई टैग मिला है।
इन उत्पादों की देश के बड़े शहरों के अलावा मध्य पूर्व के देशों और यूरोप में भारी मांग है। त्रिपुरा सरकार नई दिल्ली में अनानास के लिए एक नीलामी बाजार खोलने की योजना बना रही है। इस अनानास की कटाई एक सप्ताह में शुरू कर दी जायेगी। अनानास 1-2 रुपये प्रति पीस के हिसाब से बिकता है और पीक सीजन के दौरान अनानास को सड़क पर फेंक दिया जाता था, क्योंकि कोई खरीदार नहीं होता है।
अधिकारियों ने बताया कि हालांकि, पाँच वर्षों में स्थिति बदल गई है, और यहाँ तक कि कोविड 19 महामारी के दौरान भी त्रिपुरा से अनानास का निर्यात किया गया था। अनानास को बढ़ावा देने के लिए, कृषि विभाग नई दिल्ली में अनानास के बाजार की मेजबानी के लिए कृषि मंत्रालय के साथ बातचीत कर रहा है, जो व्यापारियों को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों तक पहुंचने में मदद करेगा, ।
त्रिपुरा जिस विश्व प्रसिद्ध क्वीन अनानास का उत्पादन कर रहा है वह चमकदार, सुनहरे पीले रंग का, एक विशिष्ट सुगंध के साथ, और उच्च रस सामग्री, खट्टापन और मिठास लिए है जो इसे अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में उगाए जाने वाले अनानास से अलग करता है। त्रिपुरा के उत्तरी भाग भी केव वेराइटी अनानास का उत्पादन कर रहे हैं, जो स्वाद में भी रसदार और मीठा होता है लेकिन मानसून के मध्य तक आकार में बड़ा होता है।
सोनिया, यामिनी
वार्ता
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