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रथयात्रा में छह दशक से अहम सेवा दे रहा है रेलवे

पुरी (ओडिशा) 17 मई (वार्ता) विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ पुरी में भगवान जगन्नाथ, बलभद्रजी और सुभद्राजी की रथ यात्रा को गंतव्य तक पहुंचाने में पिछले 60 साल से हर साल रेलवे का तकनीकी स्तर पर विशेष योगदान रहता है और जब रेल अधिकारियों ने इस क्रम को बाधित करने का प्रयास किया तो रथ यात्रा आगे नहीं बढ़ सकी।
यह दावा करते हुए पुरी रेलवे में तैनात तकनीकी अधिकारी आर्यन पाणिग्रही कहते हैं कि रथयात्रा में रेलवे 1964 से सहयोग दे रहा है लेकिन 1966 में पुरी रेलवे स्टेशन पर एक अधिकारी ने यह कहते हुए रेल कर्मियों को यात्रा में नहीं जाने का फरमान जारी किया कि रेलवे रथ यात्रा के लिए नहीं बना है।
श्री पाणिग्रही कहते हैं कि इस अधिकारी के कहने पर रेलकर्मी रथ यात्रा में शामिल नहीं हुए लेकिन जगन्नाथ भगवान का चमत्कार था कि रेलकर्मियों के सहयोग के बिना रथयात्रा एक मीटर भी आगे नहीं बढ़ी। अंततः रेलवे कर्मियों को यात्रा को आगे बढ़ाने में तकनीकी सहयोग देने के लिए बाध्य होना पड़ा।
उन्होंने बताया कि हर साल यात्रा के लिए 42 लोगों की तकनीकी टीम रथ यात्रा में 11 दिन तक मौजूद रहती है। यह टीम रथ के पहिए को जैक के द्वारा आगे बढ़ाती है और पीछे हटने से रोकती है। मान्यता है कि रथ यात्रा में रथ को एक इंच भी पीछे नहीं हटने देना है। जैक रथ को पीछे खिसकने से रोकते हैं और रथ को निरंतर आगे बढ़ाने में सहयोग करते हैं। इस काम में रेलवे की तकनीकी टीम रथ यात्रा के साथ 11 दिन तक निरंतर काम करती है।अभिनव.संजय
वार्ता
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