राज्य » अन्य राज्यPosted at: May 18 2023 2:27PM त्रिपुरा जिला अदालत ने निचली अदालत की सजा को रखा बरकरारअगरतला, 18 मई (वार्ता) त्रिपुरा के दक्षिणी जिला एवं सत्र अदालत ने वामपंथी दलों की ओर से दो सितंबर, 2015 को आहूत हड़ताल के दौरान अदालत कक्ष के अंदर हंगामा करने और एक न्यायाधीश को परेशान करने को लेकर निचली अदालत की सजा को गुरुवार को बरकरार रखा।इससे पहले, निचली अदालत ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के तीन आरोपी नेता तापस दत्ता, त्रिलोकेश सिन्हा, और बाबुल देवनाथ को दोषी ठहराया था। इसके अलावा, दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया में अदालत कक्ष पर हमला करने और पीठासीन न्यायाधीश रूही दास पॉल को परेशान करने के लिए दो साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी।गौरतलब है कि अदालत में हंगामा करने और न्यायाधीश को परेशान करने के दौरान ही अदालत से पुलिस को मदद के लिए कॉल की गयी, जिसके बाद, पुलिस मौके पर पहुंची और स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया। करीब आठ साल से अधिक समय तक की सुनवाई के बाद, अदालत ने उन्हें आपराधिक उल्लंघन के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 447 के तहत अनाधिकृत घुसने, 353 और 332 के तहत लोक सेवकों को कर्तव्य निर्वहन से रोकना और 34 धारा के तहत जानबूझकर अपराध करने के मामले को लेकर दो साल के कारावास की सजा सुनाई।फिलहाल, वे फैसले को चुनौती देने के लिए जिला एवं सत्र अदालत चले गए, जिसने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। आरोपियों ने दलील दी कि वे इस मामले में दोषी नहीं हैं।श्रद्धा,आशावार्ता