राज्य » अन्य राज्यPosted at: Aug 27 2024 8:34PM 25 मार्गों को निजी वाहनों के लिये खोले जाने पर हाईकोर्ट ने लगायी मुहरनैनीताल, 27 अगस्त (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश परिवहन निगम (रोडवेज) की बसों के लिये आरक्षित 25 मार्गों को निजी वाहन कंपनियों के लिये खोले जाने के सरकार के कदम पर अपनी मुहर लगा दी है। उच्च न्यायालय के इस कदम से रोडवेज को झटका लगा है।मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में आज उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर से एक जनहित याचिका दायर कर कहा गया कि प्रदेश सरकार ने 15 मार्च को एक अधिसूचना जारी कर उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों के लिये आरक्षित 25 मार्गों को निजी कंपनियों के लिये खोल दिया गया है।इन मार्गों पर निजी वाहनों को परमिट दिये जा रहे हैं। इससे परिवहन निगम की आय पर विपरीत असर पड़ने की आशंका है। यह भी कहा गया कि प्रदेश सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन किया है। सरकार की ओर से रोडवेज का पक्ष नहीं सुना गया है। याचिका में सरकार के इस कदम पर रोक लगाने की मांग की गयी। आज सरकार की ओर से दायर जवाबी हलफनामा में कहा गया कि रोडवेज का पक्ष सुना गया है। उसके बाद ही यह निर्णय लिया गया। कुमाऊं मोटर आनर्स यूनियन (केमू) की ओर से भी हस्तक्षेप करते हुए गया कि रोडवेज के पास पर्याप्त बसें उपलब्ध नहीं हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकांश मार्गों पर निजी कंपनियों की बसें संचालित हो रही है। अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सरकार के कदम पर अपनी मुहर लगा दी और जनहित याचिका को पूरी तरह से निस्तारित कर दिया है। सरकार के इस कदम से रोडवेज को झटका लगा है। रवीन्द्र.संजय वार्तारवीन्द्र.वार्ता