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ओडिशा में जलवायु अनुकूल कृषि अपनाने के लिए की सीआरसी की स्थापना

भुवनेश्वर, 04 सितंबर (वार्ता) ओडिशा सरकार ने राज्य में जलवायु अनुकूल कृषि अपनाने के लिए जलवायु परिवर्तन पर राज्य कार्य योजना (एसएपीसीसी) की निगरानी के लिए बुधवार को जलवायु अनुकूल प्रकोष्ठ (सीआरसी) की स्थापना की ।
ओडिशा सरकार ने सीआरसी का समर्थन करने के लिए कृषि विभाग और किसान सशक्तीकरण (डीएएफई) विभाग के साथ मिलकर काम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफपीआरआई) और विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नीति अध्ययन केंद्र (सीएसटीईपी) को शामिल किया है।
उपमुख्यमंत्री केवी सिंह देव ने सीआरसी का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह टिकाऊ कृषि खाद्य प्रणालियों को लागू करेगा, क्षमता निर्माण करेगा और प्रभावी नीतियों, ग्रीनहाउस गैसों (जीएचजी) उत्सर्जन में कमी तथा कुशल सिंचाई तकनीकों को बढ़ावा देगा।
उन्होंने कहा कि यह भविष्य में जलवायु अनुकूल प्रथाओं को बनाए रखने के लिए संस्थागत क्षमता निर्माण का भी समर्थन करेगा।
यह आयोजन राज्य में जलवायु अनुकूल कृषि के निर्माण में राज्य के प्रयासों को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सीआरसी का गठन जलवायु परिवर्तन पर राज्य कार्य योजना (एसएपीसीसी) के कार्यान्वयन और निगरानी के लिए किया गया है।
श्री देव ने ने कहा कि डीएएफई अंतरराष्ट्रीय संस्थागत भागीदारों के साथ मिलकर ओडिशा में जलवायु परिवर्तन की पृष्ठभूमि में सहयोगी अनुसंधान, नीति विश्लेषण, संस्थागत क्षमता निर्माण और नीति जुड़ाव तथा आउटरीच के लिए एक कार्बन संवेदनशील नीति ढांचा तैया करना चाहता है।
उपमुख्यमंत्री ने वर्तमान परिदृश्य में जलवायु-लचीले कृषि पद्धतियों को अपनाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा,“ सभी के लिए सतत उत्पादन और खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है कि हम जलवायु-अनुकूल तरीकों की ओर बढ़ें।”
डीएएफई के प्रधान सचिव डॉ. अरबिंद कुमार पाधी ने कहा,“ किसानों और नागरिकों के जीवन और आजीविका को सुरक्षित रखते हुए सामूहिक रूप से बड़े कार्बन लक्ष्यों को पूरा करने का हमारे लिए एक अनूठा अवसर है। यह एक मांगलिक कार्य है जिसके लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह केंद्र सतत खाद्य प्रणाली लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सभी क्षेत्रों से नीतियों, कार्यक्रमों के साथ बहुआयामी प्रयास के हमारे सहयोग और समझ को परिभाषित करता है। इस पहल को बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा, लेकिन राज्य सरकार पर इसका कोई वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ेगा।”
आईएफपीआरआई में दक्षिण एशिया के निदेशक डॉ. शाहिदुर राशिद ने साझेदारी के लिए अपनी प्रतिबद्धता और उत्साह व्यक्त करते हुए कहा,“ आईएफपीआरआई कृषि, जलवायु और प्राकृतिक संसाधन लचीलापन-संबंधी नीति अनुसंधान में अपनी विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त विशेषज्ञता लाकर डीएएफई के प्रयासों का समर्थन करने से खुश है।”
उन्होंने कहा,“ हमारा उद्देश्य वैश्विक उत्कृष्टता केंद्रों के अपने नेटवर्क के माध्यम से क्षमता निर्माण, नए नवाचारों को पेश करना और संधारणीय प्रथाओं को बढ़ावा देना है, जिसे हम ओडिशा की पहलों के साथ जोड़ेंगे।”
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जलवायु लचीलापन सेल की स्थापना अनुकूलन और शमन के माध्यम से कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने के ओडिशा के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
जलवायु अनुकूलन, संधारणीय प्रथाओं और समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित करके, सीआरसी ओडिशा की कृषि प्रणालियों की लचीलापन को बढ़ाएगा, आजीविका की रक्षा करेगा और राज्य के आर्थिक विकास में योगदान देगा
सोनिया,आशा
वार्ता
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