राज्य » अन्य राज्यPosted at: Sep 7 2024 6:18PM त्रिपुरा में आदिवासी कल्याण मंत्री को विपक्ष ने की हटाने की मांग, लगाया भ्रष्टाचार का आरोपअगरतला 07 सितंबर (वार्ता) त्रिपुरा में विपक्षी कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) ने शनिवार को आदिवासी कल्याण मंत्री विकास देबबर्मा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए आय से अधिक संपत्ति रखने के लिए उनके खिलाफ जांच शुरू करने तथा उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की। कांग्रेस के सुदीप रॉयबर्मन ने विश्व बैंक द्वारा सहायता प्राप्त त्रिपुरा ग्रामीण आर्थिक विकास और सेवा वितरण परियोजना (टीआरईएसपी) की प्रगति पर शुक्रवार को विधानसभा में चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया कि आदिवासी समुदायों के बहु-क्षेत्रीय विकास के लिए 1400 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी गयी थी, लेकिन यह धन की लूट का अवसर बन गई। उन्होंने कहा, “श्री देबबर्मा ने त्रिपुरा के बाहर के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर परियोजना को लागू करने के लिए एक सोसायटी बनायी थी और कई बाहरी सलाहकारों को काम पर रखा था तथा बड़ी संख्या में अन्य राज्यों के लोगों को अजीबोगरीब नामों से नियुक्त किया था। उन्हें वेतन के रूप में भारी पैसा दिया था, जो कुल परियोजना मूल्य का लगभग 30 प्रतिशत होने का अनुमान है।” श्री रॉयबर्मन ने कहा कि आदिवासी भूमि के विकास के लिए लायी गयी यह परियोजना राज्य के विभिन्न भागों से बड़ी संख्या में फर्मों और विशेषज्ञों के लिए आय का स्रोत बन गयी है। उन्होंने आरोप लगाया कि श्री देबबर्मा और कुछ अधिकारियों ने पैसा प्राप्त करने के लिए सलाहकारों के माध्यम से कार्यान्वयन मॉडल तैयार किया है, जबकि परियोजना से अब तक कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। विपक्ष के नेता एवं माकपा विधायक जितेंद्र चौधरी ने कहा, “हमने अपने लोगों के विकास के लिए ऋण लिया है, और राज्य में अच्छी संख्या में अधिकारी और योग्य बेरोजगार हैं जो न्यूनतम प्रशासनिक व्यय पर परियोजना को लागू कर सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हम कुछ बाहरी लोगों के ऋण का बोझ उठा रहे हैं, जो इससे अच्छी आय प्राप्त कर रहे हैं, जिसे अनुमति नहीं दी जायेगी।” उन्होंने दावा किया कि तीन साल में कंसल्टेंसी फीस के तौर पर 200 करोड़ रुपए का भुगतान किया जायेगा और विभाग को वेतन के तौर पर हर महीने करीब एक करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा। इनमें से एक कंसल्टेंट को आश्चर्यजनक रूप से हर महीने दो लाख रुपए का वेतन मिल रहा है। अशोक, उप्रेतीवार्ता