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उपनल कर्मियों ने दोहराई नियमितीकरण की मांग

नैनीताल, 06 नवंबर (वार्ता) उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम (उपनल) संविदा कर्मचारी संघ ने बुधवार को प्रदेश सरकार से उन्हें नियमित किये जाने की मांग दोहराई है।
राज्य अतिथि गृह (नैनीताल क्लब) में आयोजित पत्रकार वार्ता में संघ के अध्यक्ष रमेश शर्मा और महामंत्री प्रमोद गुसाईं ने कहा कि वर्ष 2004 में प्रदेश में उपनल का गठन किया गया। तब से लेकर आज तक 21000 से अधिक उपनल कर्मचारी विभिन्न सरकारी महकमों में काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के आदेश भी उपनल कर्मचारियों को नियमित करने के पक्ष में हैं लेकिन प्रदेश सरकार इसके बावजूद उन्हें नियमित करने के बच रही है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में उपनल कर्मी कुंदन सिंह के पत्र का संज्ञान लेते हुए दायर जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय ने उपनल कर्मियों के नियमितीकरण और नियमित वेतन देने के निर्देश दिये थे। साथ ही उपनल कर्मियों के वेतन से जीएसटी कटौती पर भी रोक लगा दी थी। इसके बाद सरकार उच्चतम न्यायालय गयी और वहां से लड़ाई हार गयी। हाल ही में शीर्ष अदालत ने प्रदेश सरकार की अपील को खारिज कर दिया।
उपनल कर्मियों की लड़ाई लड़ रहे उत्तराखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एमसी पंत, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीएस मेहता और अधिवक्ता शिवानंद भट्ट के अनुसार प्रदेश सरकार की अपील खारिज होने के बाद उच्च न्यायालय का वर्ष 2028 का आदेश आज भी बरकरार है और उपनल कर्मियों के नियमितीकरण का रास्ता साफ है।
श्री पंत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय विभिन्न मामलों में संविदा और आउटसोर्स कर्मियों के पक्ष में फैसला सुना चुकी है लेकिन प्रदेश की नौकरशाही सरकार को बरगला रही है।
संघ के सलाहकार मनोज जोशी और प्रदेश प्रवक्ता मनोज गड़कोटी के अनुसार प्रदेश सरकार हठधर्मिता पर अड़ी है। संघ के पदाधिकारियों ने जब मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा तो उन्हें मिलने का समय तक नहीं दिया गया।
वरिष्ठ अधिवक्ता श्री पंत ने कहा कि हाईकोर्ट की निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी भी प्रदेश सरकार को पंजाब प्रदेश की तर्ज पर संविदा, दैनिक वेतन और आउटसोर्स कर्मियों को लाभान्वित करने के लिये डिमनिशिंग कैडर जैसा महत्वपूर्ण विकल्प दे चुकी है लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से इस दिशा में भी कोई कदम नहीं उठाया गया है।
श्री पंत ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार यदि विभिन्न न्यायालयों के आदेशों का अनुपालन नहीं करती है तो उन्हें पुनः विधिक रास्ता अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि उपनलकर्मियों की लड़ाई को उनके अंतिम लक्ष्य तक पहुंचाया जायेगा।
रवीन्द्र.संजय
वार्ता
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