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डॉक्टर अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर, स्वास्थ्य सेवाएं ठप

चेन्नई, 14 नवंबर (वार्ता) तमिलनाडु में चिकित्सकों के विभिन्न संगठनों ने अपनी पर्याप्त सुरक्षा की मांग को लेकर हड़ताल पर चले जाने के कारण राज्य के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हुई हैं।
गौरतलब है कि शहर के कलैगनार सेंटेनरी मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल में मां के कैंसर का इलाज करा रहे एक व्यक्ति ने यहां के वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ बालाजी जगन्नाथन पर चाकू से हमला कर दिया था। उसने डॉक्टर पर अनुचित उपचार का आरोप लगाते हुए हमला किया था क्योंकि उसकी मां की हालत बिगड़ने लगी थी और कैंसर उसके फेफड़ों तक फैल गया था।
इस घटना को लेकर तमिलनाडु सरकार डॉक्टर्स एसोसिएशन (टीएनजीडीए) और फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफजीडीए) से जुड़े डॉक्टरों ने निंदा की और सांकेतिक विरोध के तौर पर ओपी सेवाओं का बहिष्कार करके हड़ताल में हिस्सा लिया।
उन्होंने कहा कि जब तक सरकार अस्पतालों की सुरक्षा संबंधी कानून बनाने, सरकारी अस्पतालों में आईसीयू और कैजुअल्टी वार्ड में पुलिस कर्मियों की तैनाती और उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने जैसी उनकी मांगें पूरी नहीं कर देती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन तमिलनाडु चैप्टर के अनुसार, राज्य भर से करीब 45 हजार सरकारी और आठ हजार निजी अस्पतालों के डॉक्टरों के हड़ताल करने से आपातकालीन मामलों और सर्जरी को छोड़कर, अन्य सभी स्वास्थ्य सेवाएं ठप हैं।
यह सांकेतिक हड़ताल तब की गय़ी, जब स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यम की बुधवार रात कहा था कि सरकार की ओर से उनकी मांगों पर विचार करने के बाद डॉक्टर संघों ने अपनी हड़ताल वापस लेने का फैसला किया है। इस बीच सभी सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ा दी गई और अस्पतालों में प्रवेश करने वाले सभी लोगों की गहन तलाशी ली गई।
इस घटना के मामले में विग्नेश नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
श्रद्धा, सोनिया
वार्ता
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