पार्लियामेंटPosted at: Apr 6 2018 12:11PM श्री नायडु ने कहा कि उच्च सदन में कार्यवाही बार बार बाधित होना संसदीय लोकतंत्र और देश के लिए ठीक नहीं है। सदस्यों को चर्चा का माहौल बनाने में सहयोग करना चाहिए। इसके लिए उन्होंने प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु, सदन के प्रथम सभापति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन तथा संविधान सभा की प्रारुप समिति के अन्य सदस्यों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि संसद विचार विमर्श का स्थान है। इसमें सदन के भीतर तथा संसद परिसर में नारे लगाना तथा प्रदर्शन करना ठीक नहीं है। इसका गलत संदेश देश में जाता है। संसद के बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी को शुरू हुआ था और नौ फरवरी तक चला था और अवकाश के बाद दूसरा चरण पांच मार्च से शुरू हुआ था । दूसरे चरण में कई मुद्दों को लेकर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही पूरी तरह से बाधित रही। सदन में केवल आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर चर्चा और सेवानिवृत्त सदस्यों के लिए विदाई भाषण तथा नए सदस्यों के शपथ ग्रहण से संबंधित कार्यवाही चली। पहले चरण में सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया था। सत्यावार्ता