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लोकसभा में हंगामे की भेंट चढ़ा बजट सत्र का दूसरा चरण

नयी दिल्ली 06 अप्रैल (वार्ता ) लोकसभा के बजट सत्र का दूसरा चरण पूरीतरह विपक्ष के हंगामें की भेंट चढ़ गया। इस चरण में सदन ने किसी भी मुद्दे और विधेयक पर चर्चा नहीं हो पायी तथा मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस भी हंगामे के कारण सदन के समक्ष नहीं लाये जा सके।
इस दौरान किसी भी मंत्रालय या विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा नहीं हो पायी और इन मांगों तथा वित्त विधेयक को हंगामे के बीच ही पारित किया गया।
सदन की कार्यवाही आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी जिसके साथ बजट सत्र समाप्त हो गया। बजट सत्र 29 जनवरी को शुरू हुआ था और इसका पहला चरण नौ फरवरी तक चला । इस दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई और उसे पारित किया गया तथा 2018-19 के आम बजट पर चर्चा की गयी जिसका वित्त मंत्री अरूण जेटली ने जवाब भी दिया।
इसके बाद सदन में अवकाश रहा और बजट सत्र का दूसरा चरण पांच मार्च से शुरू हुआ। बाईस दिन के इस चरण में
विभिन्न विपक्षी दलों ने अलग -अलग मुद्दाें को लेकर हंगामा किया। कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में घोटालों के मुद्दे पर चर्चा का नोटिस दिया लेकिन चर्चा के नियम तथा विषय की शब्दावली को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच विवाद हो गया और इस मुद्दे पर भी चर्चा नहीं हो पायी।
मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सबसे पहले 15 मार्च को वाईएसआर कांग्रेस फिर तेलुगू देशम पार्टी उसके बाद कांग्रेस तथा अन्य पार्टियों के सांसदाें ने दिये लेकिन अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कुछ सदस्यों के हंगामें पर सदन में व्यवस्था न होने का हवाला देते हुए इन नोटिसों को सदन के समक्ष लाने में असमर्थता जतायी। इस दौरान मुख्य रूप से अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर हंगामा करते रहे।
नीलिमा उनियाल
जारी वार्ता
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