पार्लियामेंटPosted at: Aug 10 2018 6:52PM आईबीसी संशोधन विधेयक पर संसद की मुहर
नयी दिल्ली 10 अगस्त (वार्ता) दिवाला एवं शोधन प्रक्रिया में आने वाली रियलटी कंपनियों के ग्राहकों को राहत देने और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) उद्यम के लिए इस प्रक्रिया को लचीला बनाने वाला दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) (दूसरा संशोधन) विधेयक पर शुक्रवार को संसद की मुहर लग गयी।
राज्यसभा ने मानसून सत्र के अंतिम दिन इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया। लोकसभा से यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है। इस तरह से इस पर संसद की मुहर लग गयी। यह इस संबंध में लाये गये अध्यादेश का स्थान लेगा।
इस विधेयक पर करीब एक घंटे हुयी चर्चा का जबाव देते हुये कंपनी मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण में करीब 40 हजार मामले हैं। आईबीसी के तहत अब तक 32 मामलों में 55 फीसदी रिकवरी हुयी है और यह कई देशों की तुलना में अधिक है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता अनुसार संशोधन किये गये हैं और इसके जरिये दिवाला एवं शोधन प्रक्रिया में तेजी लाने की कोशिश की जा रही है।
इसके बाद इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
शेखर/ अरुण सत्या
जारी/ वार्ता