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पार्लियामेंट


विधवाओं की स्थिति में सुधार के लिए निजी संकल्प राज्यसभा में पेश

नयी दिल्ली 10 अगस्त (वार्ता) देश में विधवाओं की स्थिति में सुधार काे लेकर द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के तिरूची शिवा का निजी संकल्प आज राज्यसभा में पेश किया गया।
श्री शिवा ने इसको सदन में रखते हुये कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार विधवाओं की संख्या 4.32 करोड़ है यह महिलाओं की कुल आबादी का 7.37 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि मथुरा और वृंदावन सहित पूरे देश में विधवाओं की स्थिति बहुत ही दयनीय है। उनके साथ भेदभाव का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा “ जब मैं तीन महीने का था तक मेरे पिता का निधन हो गया और उस समय मेरी मां मात्र 29 वर्ष की थी और उसके बाद मेरी माता के साथ समाज में जिस तरह से बर्ताव किया गया वह असहनीय था”।
उन्होंने कहा कि जब हम दुनिया में तीव्र गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है तब विधवाआें के साथ इस तरह का वर्ताव सही नहीं है। उन्होंने इसको सामाजिक आर्थिक की वजाये मानवीय मामले के रूप में देखने की अपील करते हुये कहा कि जो महिला अपने माता पिता, घर परिवार को छोड़कर एक व्यक्ति के यहां आती है और उसका घर परिवार बसाती है और पति के निधन के बाद उसके साथ जो बर्ताव होता है वह असहनीय है।
मनोनीत सोनल मान सिंह ने कहा कि एक पुरूष प्रधान समाज में एक पुरूष द्वारा इस तरह की पहल सराहनीय है। उन्होंने विधवाओं के कल्याण को सीएसआर से जोड़ने की मांग करते हुये कहा कि यह शिक्षा और खेल से अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने मीडिया से भी इसके लिए समाज में जागरूकता लाने की अपील की।
कांग्रेस की ऐमी याज्ञनिक ने कहा कि विधवाओं की स्थिति में सुधार के लिए कानून बनाये जाने की जरूरत है। उनको हेल्थ कार्ड दिये जाने की मांग करते हुये उन्होंने कहा कि विधवाओं को समाज में उचित स्थान दिलाया जाना चाहिए।
इस पर चर्चा अधूरी रही।
शेखर सत्या
वार्ता
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