पार्लियामेंटPosted at: May 13 2016 4:37PM विधायिका के अधिकार कम होंगे तो लोकतंत्र कमजोर हो जायेगा- जेटलीनयी दिल्ली 13 मई (वार्ता) राज्यसभा में सदन के नेता अरूण जेटली ने आज एक बार फिर विधायिका के अधिकारों पर अतिक्रमण का मुद्दा उठाते हुए संसद की सर्वोच्चता बरकरार रखने की अपील की और कहा कि यदि उसे कानून और बजट बनाने का अधिकार छीन लिया जायेगा तो लोकतंत्र कमजाेर हो जायेगा। उच्च सदन में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद अवकाश ग्रहण करने वाले 53 सदस्यों को विदायी देने के मौके पर श्री जेटली ने सदन में कहा कि यदि संसद के हाथ से कानून और बजट बनाने का अधिकार चला जायेगा तो लोकतंत्र कमजोर हो जायेगा। उन्होंने कहा कि सभी संस्थाओं को इस बात पर गंभीरता से विचार करना चाहिए । श्री जेटली ने राज्यसभा में वित्त विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए भी संसद की सर्वोच्चता का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि जिस तरह से विधायिका के अधिकारों का अतिक्रमण किया जा रहा है उससे लगता है संसद के पास बजट बनाने का ही अधिकार रह जायेगा। संसद के निचले और उपरी सदन में चल रहे टकराव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत में ही नहीं बल्कि आस्ट्रेलिया और इटली जैसे देशों में भी चल रहा है। उन्होंने कहा कि विचार विमर्श से सभी मुद्दों का समाधान निकल सकता है और देश में राजनीति इतनी परिपक्व है कि वह यह समाधान कर सकती है। इससे पहले संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू की ओर से अवकाश ग्रहण करने वाले सभी सदस्यों के प्रति धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि वह देश के विकास के प्रति अपनी वचनबद्धता जारी रखेंगे और देश की तरक्की में योगदान के अपने संकल्प को पूरा करेंगे। उन्होंने जाने माने गायक मोहम्मद रफी का मशहूर गाना ,“ अहसान मेरे दिल पर तुम्हारा है दोस्तों , ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा है दोस्तो” गुनगुनाकर सदस्यों के प्रति आभार प्रकट किया। संजीव राम (वार्ता)