पार्लियामेंटPosted at: Dec 9 2016 3:49PM वायु प्रदूषण के कारण देश के जीडीपी को तीन प्रतिशत का नुकसाननयी दिल्ली,09 दिसंबर (वार्ता) सरकार ने विश्व बैंक की ओर से आपदा प्रबंधन अौर जलवायु परिवर्तन पर जारी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि वायु प्रदूषण के कारण देश के सकल घरेलू उत्पाद को तीन प्रतिशत का नुकसान हो रहा है ऐसे में प्रदूषण की रोकथाम के लिए उसकी ओर से कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के बढ़ते खतरे को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने कई प्रभावी कदम उठाने की तैयारी की है जिसमें वायु की गुणवत्ता जांच के लिए निगरानी नेटवर्क तैयार करना, सीएनजी,एलपीजी और एथेनॉल जैसे स्वच्छ वैकल्पिक ईंधनों की व्यवस्था,पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाने वाली उत्पादन प्रक्रिया को बढ़ावा देने, देश के 63 शहरों में वाहनों के लिए भारत चार मानक निर्धारित करने,प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर ज्यादा कर लगाने और हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में रियायत देने,कचरा निपटान के नियमों को संशेाधित कर उन्हें और प्रभावी बनाने की तैयारी की गयी है। श्रीमती पटेल ने कहा कि इन उपायों के अवाला सरकार ने निर्माण और ढ़हाने की गतिविधियों के दौरान निकलने वाले कचरे के निपटान के लिए भी अलग से नियमों को अधिसूचित करने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि पत्तियों, बायोमास और शहरों से निकलने वाले ठोस कचरे पर प्रतिबंध, सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को बढ़ावा देने,प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के लिए सख्त नियम बनाने, प्रदूषण नियंत्रण और रोकथाम कानून 1981 के अनुच्छेद 18 के तहत दिल्ली तथा उसके पड़ोसी राज्यों हरियाणा,उत्तर प्रदेश और राजस्थान को दिशा निर्देश जारी करने,पर्यावरण संरक्षण कानून 1986 के अनुच्छेद पांच के तहत स्थानीय निकायों को कचरा जलावन तथा निर्माण गतिविधियों से उड़ने वाली धूल को रोकने के इंतजाम करने के लिए एनसीआर क्षेत्र के स्थानीय निकायों को दिशा निर्देश जारी करने,औद्योगिक इकाइयों द्वारा चौबीस घंटे प्रदूषण पर नजर रखने के लिए ऑन लाइन प्रणाली स्थापित करने,थर्मल और सीमेंट संयंत्रों समेत सभी उत्सर्जन नियमों की समीक्षा,एनसीआर राज्यों में फसल अवशेष जलाने पर प्रतिबंध,उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुरूप 2000 सीसी क्षमता वाले डीजल वाहनों से पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क वसूलने, 15 साल पुराने डीजल वाहनों को दिल्ली से बाहर करने तथा विदेशी पटाखों के निर्यात पर प्रतिबंध जैसे उपाय शामिल हैं। मधूलिका.श्रवण वार्ता