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पार्लियामेंट


हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित

(चौथे पैरा से कार्यवाही से हटाये गये अंश हटाते हुये संशोधित)
नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (वार्ता) नोटबंदी के कारण किसानों के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों पर चर्चा कराने की कांग्रेस की मांग और अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में एक बड़े राजनीतिक परिवार के शामिल होने के मद्देनजर भ्रष्टाचार पर चर्चा कराने की सत्ता पक्ष की मांग पर राज्यसभा में आज जमकर हंगामा हुआ जिसके कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर आवश्यक दस्तावेजों को सभा पटल पर रखे जाने के बाद उप सभापति पी जे कुरियन ने सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद को अपनी बात रखने के लिए कहा। इसी दौरान सत्ता पक्ष के सदस्य अपनी सीटों से उठकर अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में हुये घाेटाले को लेकर एक समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार की प्रति लहराकर नारेबाजी कर भ्रष्टाचार पर चर्चा कराने की मांग करने लगे। इस बीच कांग्रेस सदस्य भी अपनी सीटों से उठकर नारेबाजी करने लगे। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य भी अपने स्थान से उठकर हाथों में पोस्टर लेकर खड़े हो गये।
श्री कुरियन ने कहा कि जब सदन के नेता या विपक्ष के नेता को बोलने के लिए कहा जाता है तो सदस्य शांत होकर उनकी बात सुनते हैं और यही इस सदन की परंपरा है। हालांकि इसी दौरान सूचना प्रसारण मंत्री एम वैंकेया नायडू ने सवाल किया कि श्री आजाद किस मुद्दे पर बोलना चाहते हैं तो श्री कुरियन ने कहा कि विपक्ष के नेता ने सूखे के साथ ही बाढ़ और नोटबंदी से किसानों के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया है।
सत्ता पक्ष के सदस्यों के नारेबाजी करने के बीच श्री आजाद ने कहा कि यह संसद के रिकाॅर्ड में दर्ज होगा कि सत्ता पक्ष ने दोनों सदनो को इस सत्र में नहीं चलने दिया।
इसी दौरान संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में हुये भ्रष्टाचार पर से पर्दा उठने की डर से विपक्ष विशेषकर कांग्रेस के सदस्य सदन को नहीं चलने दे रहे हैं। संसद की कार्यवाही को कांग्रेस नहीं चलने दे रही है।
कांग्रेस और भाजपा सदस्यों के हंगामे के बीच श्री आजाद ने कहा कि यह किसान विरोधी सरकार है। इस सरकार के कार्यकाल में हुये भ्रष्टाचार की पोल खुलने की डर से सत्तापक्ष कार्यवाही नहीं चलने दे रहा है लेकिन यह सच्चाई है कि नोटबंदी की वजह से किसानों को अपने पैदावार आधे से भी कम दाम पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सत्ता पक्ष किसान की बात नहीं करने दे रही है जबकि किसान मर रहे हैं।
सत्तापक्ष और विपक्ष के हंगामे से दुखी श्री कुरियन ने कहा कि दोनोें ओर से बाधा उत्पन्न की जा रही है और यह सही नहीं है। सदस्यों के नारेबाजी के बीच कुछ देर तक शांत बैठेने के बाद श्री कुरियन ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
शेखर. आशा
वार्ता
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