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सत्र के हंगामे की भेंट चढने के लिए सभी दल जिम्मेदार: अंसारी

नयी दिल्ली 16 दिसम्बर (वार्ता) राज्यसभा के सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी ने संसद के शीतकालीन सत्र के पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ जाने पर गहरी निराशा और खेद व्यक्त करते हुए विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया और उनसे अपने इस आचरण के लिए ‘आत्मचिंतन’ करने की अपील की।
डा़ अंसारी ने राज्यसभा के 241 वें सत्र को अनिश्चतकाल के लिए स्थगित करने से पहले आज कहा कि इस सत्र में सदन में लगातार हंगामा और शोर शराबा होता रहा केवल श्रद्धांजलि देने के समय ही शांति बनी रही। उन्होंने कहा कि वह दिसम्बर 2010 में 221 वें सत्र की समाप्ति के समय कही गयी बातों को दोहराना नहीं चाहते थे लेकिन उस सत्र की तरह इस बार भी कामकाज बाधित रहने के कारण उन्हें यह बातें कहनी पड रही हैं।
उन्होंने कहा कि सदस्य गरिमापूर्ण तरीके से विरोध करें लेकिन कामकाज को ठप नहीं करना चाहिए । कामकाज ठप होने से सदस्य जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने तथा सवाल के जरिये कार्यपालिका की जवाबदेही तय करने से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष और सत्ता पक्ष सभी ने नारेबाजी कर , पोस्टर लहरा कर और अपनी जगहों से उठकर सदन की कार्यवाही में बाधा डाली , सदन में शांति केवल उसी समय रही जब शोक संदेश पढे गये। सभापति ने यह भी कहा कि सभी सदस्यों को विरोध , बाधा और आंदोलन के बीच फर्क को समझने के लिए आत्मलोकन करने की जरूरत है।
श्री अंसारी ने कहा कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन 16 नवम्बर को नोटबंदी पर सार्थक चर्चा हुई और फिर 24 नवम्बर को भी यह शुरू हुई लेकिन पूरी नहीं हो सकी और सदन में केवल एक ही विधेयक पारित हो पाया जो दिव्यांगों से संबंधित था।
अरविंद, संजीव, अमित
वार्ता
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