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पार्लियामेंट


राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

नयी दिल्ली 16 दिसंबर (वार्ता) नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष के लगातार हंगामे के कारण राज्यसभा का शीतकालीन सत्र पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ गया और इस दौरान मात्र एक विधेयक पारित हुआ तथा सदन की कार्यवाही आज अनिश्चतकाल के लिए स्थगित कर दी गयी।
16 नवम्बर से शुरू हुए राज्यसभा के 241 वें सत्र में 21 बैठकें हुई लेकिन 86 घंटे का समय शोर शराबे के कारण बर्बाद हो गया और मात्र 22 घंटे कार्यवाही चली । सदन ने केवल एक विधेयक निशक्त जन अधिकार पारित किया और इसके अलावा कोई कामकाज नहीं हुआ । सत्र के दौरान 12 निजी विधेयक पेश किये गये।
नोटबंदी के मुद्दे पर पहले दिन ही काम रोको प्रस्ताव के तहत चर्चा शुरू हुई लेकिन दो दिन में केवल छह घंटे तक बहस के बाद यह आखिर तक अधूरी ही रही। विपक्ष पूरे सत्र के दौरान इस चर्चा में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री को बुलाने की अपनी मांग पर अडा रहा लेकिन इसके पूरा नहीं होने पर उन्होंने सदन चलने ही नहीं दिया। सत्र के दौरान एक दिन भी प्रश्नकाल नहीं हो सका और शून्यकाल भी बाधित रहा। पूरे सत्र में केवल दो तारांकित प्रश्नों का मौखिक जवाब दिया गया।
सत्र के अंतिम दिन कार्यवाही शुरू होने पर सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी ने नियमित कामकाज निपटाते ही सवा ग्यारह बजे कार्यवाही को अनिश्चतकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। उन्होंने पूरे सत्र में हंगामे के लिए विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों को जिम्मेदार ठहराते हुए गहरी चिंता और खेद व्यक्त किया। उन्होंने खिन्न होकर यहां तक कहा कि सदन में केवल शोक संदेश के समय ही शांति रही। सभापति ने सभी सदस्यों से अपने व्यवहार पर ‘आत्मचिंतन ’ करने की भी सलाह दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक दिन प्रश्नकाल के समय सदन में आये और उस सयम नोटबंदी पर हुई चर्चा को भी सुना लेकिन इसके बाद वह चले गये जिससे खिन्न विपक्ष ने फिर हंगामा शुरू कर दिया। सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष को घेरने की कोशिश के तहत अगुस्ता वेस्टलैंड का मुद्दा उठाया।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद उनके सम्मान में एक दिन सदन की कार्यवाही स्थगित की गयी।
अरविंद, संजीव, अमित
वार्ता
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