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नोटबंदी की मार झेलने वाले असंगठित क्षेत्र की बजट में उपेक्षा -विपक्ष

नयी दिल्ली 09 फरवरी (वार्ता ) विपक्ष ने जहां नोटंबदी से सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाले असंगठित क्षेत्र के लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान न करने के लिए सरकार की आलोचना की वहीं सत्तापक्ष का कहना था कि यह अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता लायेगा और इसमें समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा गया है ।
तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने वर्ष 2017-18 के आम बजट पर लोकसभा में जारी चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि बजट से भावी योजनाओं का खाका नहीं है और इससे आम आदमी को कोई फायदा नहीं होगा अलबत्ता यह ‘डैमेज कंट्रोल ’की कवायद भर है । श्री बनर्जी ने कहा कि नोटबंदी के कारण लघु एवं मध्यम श्रेणी के 80 प्रतिशत उद्योग धंधे बंद हो गये । करीब 80 प्रतिशत रोजगार देने वाले असंगठित क्षेत्र पर नोटबंदी की सबसे ज्यादा मार पडी है लेकिन बजट में इसका जिक्र नहीं है ।
उन्हाेंने सवाल किया कि ऐसे समय में जबकि 92 प्रतिशत गांवो में बैंक की सुविधा नहीं है तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था नकदी पर आधारित है ऐसे में कोआपरेटिव बैकों को पुराने नोट बदलने की सुविधा क्यों नहीं दी गयी। उन्होंने कहा कि नकदी रहित अर्थव्यवस्था में समय लगेगा । इसके लिए जल्दबाजी ठीक नहीं है । उन्होंने लाखों रूपये डूबे हुए कर्ज की समस्या का सामना कर रहे बैकों के लिए मात्र दस हजार करोड रूपये के बजट प्रस्ताव को अपर्याप्त बताया ।
भाजपा के भरत सिंह ने बजट की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसमें किसानों ,महिलाओं , बुनकरों तथा डेयरी एवं सडक ,बिजली जैसे ढांचागत क्षेत्रों पर खास ध्यान दिया है । उन्होंने आजादी की लडाई में अहम भूमिका निभाने वाले उत्तर प्रदेश के बलिया जिले को देश के सभी बडे शहरों से जोडने की योजना का जिक्र करते हुए इस जिले में एम्स और विश्वविद्यालय की स्थापना किये जाने की मांग भी की ।
भाजपा के रामटहल चौधरी ने कहा बजट से आर्थिक विकास को गति मिलेगी तथा भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी । उन्होंने कहा कि मनरेगा की राशि 37000 करोड रूपये से बढाकर 48000 हजार करोड रूपये के बजट प्रस्ताव से गांवों से शहरों का पलायन रूकेगा जबकि अंत्योदय योजना के तहत 5000 ग्राम पंचायतों को गरीबी की रेखा से बाहर लानेे की योजना से गरीबी उन्मूलन में मदद मिलेगी । उन्हाेंने 500 करोड रूपये से महिला शक्ति केंद्र स्थापित किये जाने की याेजना को महिला सशक्तीकरण की दिशा में अहम बताया ।
नीलिमा मधूलिका राम
जारी (वार्ता)
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