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कृषि क्षेत्र के विकास पर सरकार की नीयत पर संदेह न करे विपक्ष-मेघवाल

नयी दिल्ली 20 मार्च (वार्ता) सरकार ने आज कहा कि वह कृषि और ग्रामीण विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और विपक्ष को इस बारे में किसी प्रकार का अंदेशा नहीं करना चाहिए।
वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में 2016-17 की पूरक अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के विकास पर सरकार की नीयत साफ है और इस बारे में विपक्ष को किसी तरह की आशंका नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2020 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा है और उसने कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए बजट राशि में बढ़ोतरी की है। किसानों के लिए दस लाख करोड़ रुपये का कर्ज उपलब्ध कराया गया है और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में गरीबों के लिए कर्ज का प्रावधान किया है।
उनके जवाब के बाद सदन ने चालू वित्त वर्ष की पूरक अनुदान मांगों को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।
श्री मेघवाल ने कहा कि विपक्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जिन योजनाओं को नारे बता रहा है, वे मात्र नारे नहीं है। इन योजनाओं से देश बदल रहा है और आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से पहले देश में समानान्तर अर्थव्यवस्था(शैडो इकोनोमी) 33़ 7 प्रतिशत थी, जिसे खत्म किया गया है। श्री मेघवाल ने संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को उद्धृत करते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि मुद्रा का जमाखोरी के रूप में इस्तेमाल करने से समाज में भ्रष्टाचार जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि देश को राजनीतिक समानता तो मिल गयी है लेकिन यदि उसे सामाजिक और आर्थिक समानता नहीं मिलती है तो राजनीतिक समानता भी व्यर्थ हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि वास्तव में समस्या कहीं थी और समाधान कहीं करने की कोशिश की गयी। इस संदर्भ में उन्होंने उर्दू के महान शायर गालिब के शेर को उद्धृत किया--‘ जिंदगी भर इस भूल में जीते रहे गालिब, धूल चेहरे पे थी, आईना ’पोंछते रहे। उन्होंने कहा कि विपक्ष भी यही काम करता रहा और भ्रष्टाचार बढ़ता गया।
अजय नीलिमा
वार्ता
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