Friday, Mar 29 2024 | Time 06:04 Hrs(IST)
image
पार्लियामेंट


कचरा प्रबंधन को लेकर स्थानीय निकायों को सक्रिय किया जा रहा है: सरकार

नयी दिल्ली 24 मार्च (वार्ता) सरकार ने आज कहा कि देशभर में विभिन्न तरह के कचरे के प्रबंधन के लिए पिछले वर्ष बनाये गये नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए स्थानीय निकायों को सक्रिय किया जा रहा है और राज्यों को कचरा प्रबंधन परियोजनाओं के लिए बड़ी राशि दी जा रही है।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में कांग्रेस के टी. सुब्बारामी रेड्डी के निजी विधेयक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विधेयक 2016 पर हुयी चर्चा का उत्तर देते हुये कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत 3.50 करोड़ शौचालय बनाये गये हैं। देश के 1.76 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त बनाये गये हैं। इसके साथ ही राज्यों को कचरा प्रबंधन परियोजनाओं के लिए स्वच्छ भारत उपकर में से परियोजना लागत की 35 प्रतिशत राशि दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि स्कूली छात्रों में कचरा प्रबंधन काे लेकर जागरूकता लाने के उद्देश्य से तीन तरह के कचरों के निष्पादन के लिए अलग अलग तरह के प्रयाेग किये जा रहे हैं। इसके लिए तीन तरह के डिब्बे रखे जा रहे हैं जिनमें छात्र ई कचरा और ठोस कचरे को रख सकेंगें।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किये गये प्रयासों और नयी प्रौद्योगिकी को अपनाये जाने से शहरी क्षेत्रों के कचरे से कंपोस्ट बनाने में तेजी आयी है और इसमें उल्लेखनीय बढोतरी हुयी है। मुंबई सहित देश के सभी बड़े शहराें से लेकर 4000 की आबादी वाले गांवों में कचरा प्रबंधन पर जोर दिया जा रहा है। महानगराें में कचरा से बिजली बनाने का काम भी शुरू किया गया है।
उन्होंने कहा कि कृषि और औद्योगिक क्षेत्र से निकलने वाले कचरे से जल दूषित होता है। आजादी के 70 वर्षाें के बाद भी शहरों में 80 फीसदी जलमल की निकासी का उचित प्रबंधन नहीं है और इसे सीधे जल में बहाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में अभी 100 करोड़ मोबाइल फोन है। यदि एक मोबाइल फोन का औसत उपयोग चार वर्षाें तक किया जाता है तो हर वर्ष 25 करोड़ मोबाइल फोन का कचरा बनेगा और इस तरह के कचरे का प्रबंधन कराना भी अति महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि देश के 18 राज्यों ने कचरा प्रबंधन के लिए नियम बनाने का काम किया है। औद्योगिक क्षेत्रों में पांच फीसदी हिस्सा कचरा प्रबंधन के लिए रखने का भी प्रावधान किया गया है।
श्री जावड़ेकर द्वारा सरकार के कचरा निष्पादन संबंधी प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी दिये जाने के आलोक में श्री रेड्डी ने अपना विधेयक वापस ले लिया।
शेखर. संजीव
वार्ता
There is no row at position 0.
image