पार्लियामेंटPosted at: Mar 27 2017 5:13PM वित्त विधेयक की आड़ में आतंक का राज्य - सिब्बल
नयी दिल्ली ,27 मार्च (वार्ता)कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने आज कहा कि सरकार वित्त विधेयक की आड़ में कंपनी कानून ,आयकर क़ानून आदि में संशोधन करके राज्यसभा की अवहेलना कर रही है और राजनीतिक चंदे की सीमा हटाकर चुनाव में भ्रष्ट्राचार को बढ़ावा देना चाहती है। साथ ही वह लोगों के घर पर मनमाने आयकर छापे का प्रावधान करके आतंक का राज्य कायम करना चाहती है. श्री सिब्बल ने राज्यसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश2017-18 के वित्त विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ भ्रष्टाचार को दूर करने और पारदर्शिता लाने की बात करती है और दूसरी तरफ कंपनी क़ानून को वित्त विधेयक का हिस्सा बना कर उसे राज्यसभा में पारित करना चाहती है क्योंकि यह सदन मनी बिल को रोक नहीं सकता। सरकार जानती है कि राज्यसभा में उसका बहुमत नहीं है इसलिए वह कंपनी कानून और आयकर कानून में संसोधनों को वित्त विधेयक की आड़ में पारित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह सरकार वित्त विधेयक के जरिये ‘क्रोनी कैप्टलिज्म को बढ़ावा देना चाहती है । इसके साथ ही वह संघीय ढांचे को कमजोर कर रही है, राज्यसभा की आवाज़ को दबा रही है,नागरिकों के जीवन में हस्तक्षेप कर रही है और संविधान की परम्परा को तहस नहस करना चाहती है। उन्होंने कहा कि कंपनी कानून के तहत जो कंपनी तीन साल पुरानी है वह अपने मुनाफे का अधिकतम 7़ 5 प्रतिशत ही किसी राजनीतिक दल को चंदा दे सकती है लेकिन कम्पनी कानून में संशोधन करके इस सीमा को हटा दिया गया। इतना ही नहीं कंपनी के शेयर धारक भी अब नहीं पूछ सकते कि राजनीतिक चंदा किस दल को दिया गया।कंपनी अपने खाते में ही यह बताएगी कि किस दल को चंदा दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि यह संशोधन केवल लोकसभा चुनाव के लिए ही नहीं बल्कि विधानसभा और नगर निगम के चुनाव में भी लागू होगा। अरविन्द आशा वार्ता