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पार्लियामेंट


मनोरोगियाें की देखरेख के लिए बजट बढाने की मांग

नयी दिल्ली 27 मार्च (वार्ता) लोकसभा में सरकार से देश के सार्वजनिक क्षेत्र के अस्पतालों में मनोचिकित्सकों की कमी को दूर करने और मनोरोगियों की देखरेख के लिए बजट बढ़ाने की आज मांग की गयी।
भारतीय जनता पार्टी की हिना विजयकुमार गावित ने मानसिक स्वास्थ्य देखरेख विधेयक,2016 पर फिर शुरू हुई चर्चा में कहा कि देश में मनोचिकित्सकों की संख्या सिर्फ 4500 है, जिसे बढ़ाकर 12500 तक किये जाने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने अर्ध चिकित्सकों की संख्या भी बढ़ाकर 5600 किये जाने की मांग की।
उन्होंने मानसिक रोगियों की चिकित्सा और देखरेख में इस विधेयक को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि गैर सरकारी संगठनों की मदद से इन रोगियों के पुनर्वास केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के 25 प्रतिशत मेडिकल कॉलेजों में मनोचिकित्सा विभाग ही नहीं है। इसके अलावा इस विषय में पीएचडी करने की सुविधा भी बहुत कम है।
सुश्री गावित ने कहा कि मनोरोगियों के इलाज के लिए चिकित्सा बजट भी बढ़ाया जाना चाहिए और मनोरोग पर अनुसंधान के लिए विधेयक में उपबंध भी किया जाना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस की रत्ना डे नाग ने कहा कि देश के तीन सौ जिलों में मानसिक स्वास्थ कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं लेकिन 40 प्रतिशत से अधिक मरीज की उनमें पहुंच नहीं है। इन योजनाओं के लिए धन की भी कमी है । उन्होंने कहा कि मनोरोगियों की संख्या को देखते हुए देश के सरकारी अस्पतालों में मनोचिकित्सकों की संख्या काफी कम है।
सुश्री नाग ने कहा कि विधेयक की अच्छी बात यह है कि इसमें रोगी को जंजीरों से बांधने और बिजली का झटका देने जैसे अमानवीय चिकित्सा के तरीकों पर रोक लगायी गई है। उन्होंने कहा कि मनोरोगियों से अमानवीय बर्ताव करने वाले चिकित्सकों के लिए विधेयक में कड़े दंड का प्रावधान होना चाहिए।
बीजू जनता दल के भर्तृहरि महताब ने कहा कि वर्ष 2015 के आंकड़ों के अनुसार देश में 5 करोड़ लोग अवसादग्रस्त हैं, जो एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि विधेयक का दायरा और बड़ा होना चाहिए और मनोरोगियों को बीमा सुविधा भी दी जानी चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट और बढ़ाए जाने की मांग की।
तेलुगु देशम पार्टी के डॉ रवीन्द्र बाबू पांडुला ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इसका प्रारूप बहुत अच्छे ढंग से बनाया गया है। तेलंगाना राष्ट्र समिति के कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी ने कहा कि मनोरोग के बारे में लोगों को टेलीविजन और मीडिया के जरिये जागरूक किया जाना चाहिए।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने इस विधेयक को पिछले कुछ वर्षों में लाया गया सबसे अच्छा विधेयक बताया और महाराष्ट्र में एक डॉक्टर पर हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है। सरकार को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
अजय
जारी वार्ता
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