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पार्लियामेंट


मंत्रियों के पद पर रहते हुए कंपनियों को सलाह देने का मामला उठा

नयी दिल्ली, 27 मार्च (वार्ता) समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली और विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद के खिलाफ व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए आरोप लगाया कि ये दोनों मंत्री पद पर रहते हुए कंपनियों को कानूनी सलाह देने का काम करते हैं और इस तरह पार्ट टाइम काम करते हैं जो संविधान का उल्लंघन है।
श्री अग्रवाल ने आज राज्यसभा में भोजनावकाश के बाद यह मुद्दा उठाया , लेकिन उप सभापति पी जे कुरियन ने इसे सबूत के अभाव में खारिज कर दिया। उन्होंने नियम 74 और 163 तथा 164 का उल्लेख करते हुए कहा, “ कोई व्यक्ति मंत्री पद पर रहते हुए कोई पार्ट टाइम काम नहीं कर सकता है। ये दोनों मंत्री वकील हैं और कम्पनियों को कानूनी सलाह देकर पैसे भी कमाते है। क्या एक मंत्री ऐसा कर सकता है मैं यह जानना चाहता हूँ।”
इस पर श्री कुरियन ने कहा कि आपके पास इस बात का क्या सबूत है। उस समय सदन में श्री जेटली भी उपस्थित थे। श्री अग्रवाल ने कहा कि वह कल सबूत पेश कर सकते हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि वित्त मंत्री खुद जवाब देंगे तो यह स्पष्ट हो जायेगा। उन्होंने कहा कि श्री कुरियन इस बारे में फैसला दें और यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि क्या कोई मंत्री पार्ट टाइम कर सकता है या नहीं। कांग्रेस के राजीव शुक्ल ने न्यायधीशों द्वारा कानूनी सलाह देने का भी मामला उठाया। श्री अग्रवाल ने श्री शुक्ल की बात का समर्थन किया।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह तथ्यात्मक रूप से गलत है। तब श्री कुरियन ने कहा कि यह कोई व्यस्था का प्रश्न नहीं बनता और उन्होंने इसे ख़ारिज कर दिया।
अरविंद. टंडन
वार्ता
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