पार्लियामेंटPosted at: Mar 27 2017 8:28PM 2015-16 के आधार पर राज्यों को मिलेगी क्षतिपूर्तिनयी दिल्ली 27 मार्च (वार्ता) सरकार ने आज वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े चार विधेयक लोकसभा में पेश किये जिसमें जीएसटी लागू करने से राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए वित्त वर्ष 2015-16 को आधार वर्ष बनाया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सदन में क्षतिपूर्ति से संबंधित ‘वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को प्रतिकर) विधेयक’, ‘संघ राज्यक्षेत्र वस्तु एवं सेवा कर विधेयक’ (यूटी-जीएसटी), केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विधेयक’ (सी-जीएसटी) और ‘एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर विधेयक’ (आई-जीएसटी) पेश किया। क्षतिपूर्ति संबंधी विधेयक में कहा गया है कि क्षतिपूर्ति की गणना के लिए आधार वर्ष 2015-16 होगा। साथ ही गणना में 14 प्रतिशत सालाना वृद्धि को शामिल करते हुये किसी वित्त वर्ष के लिए क्षतिपूर्ति की राशि की गणना की जायेगी। क्षतिपूर्ति पाँच साल तक देने का प्रस्ताव है। गणना में पेट्रोल, डीजल, विमान ईंधन, प्राकृतिक रिपीट प्राकृतिक गैस तथा शराब को छोड़कर अन्य किसी भी तरह की वस्तु अथवा सेवा पर राज्यों द्वारा लगाये जाने वाले करों को शामिल किया जायेगा। हालाँकि, राज्य सरकारों द्वारा लगाये जाने वाले, लेकिन स्थानीय निकायों द्वारा वसूले जाने वाले मनोरंजन कर को गणना में शामिल नहीं किया जायेगा। विधेयक पेश करने से पहले इसे लेकर सदन में थोड़ा हो-हल्ला भी हुआ। प्रश्नकाल के बाद आवश्यक दस्तावेज सदन में रखे जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जीएसटी से जुड़े विधेयक पेश करने के लिए श्री जेटली का नाम पुकारा जिस पर विपक्षी सदस्य इसे गलत तरीके से कार्यसूची में शामिल करने का आरोप लगाते हुये हल्ला करने लगे। कांग्रेस सदस्य के.सी. वेणुगोपाल ने नियम 72 का हवाला देते हुये कहा कि सरकार ने इसे संशोधित कार्यसूची में भी शामिल नहीं कर सदस्यों को बहस के लिए तैयारी करने का मौका नहीं दिया जो गलत है। अन्य विपक्षी सदस्यों ने भी इस पर हंगामा किया। श्रीमती महाजन ने कहा कि इन विधेयकों को पेश करने का फैसला शुक्रवार शाम को किया गया था और शनिवार सुबह सभी सदस्यों को इसके बारे में सूचना दे दी गयी थी। हालाँकि, शनिवार और रविवार गैर-कार्यदिवस होने के कारण इसे कार्यसूची में शामिल नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि शनिवार को सूचना दे दिये जाने के कारण इसे आज सदन में पेश किया जा सकता है और उन्होंने श्री जेटली को इसकी अनुमति दी है। इसके बाद श्री जेटली ने एक-एक करके एस-जीएसटी, आई-जीएसटी, यूटी-जीएसटी और राज्यों को क्षतिपूर्ति संबंधी विधेयक सदन में पेश किये। अजीत/ शेखर जारी (वार्ता)