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आंध्र को विशेष राज्य का दर्ज़ा न मिलने पर कांग्रेस तृणमूल टीआरएस ने राज्यसभा से बहिर्गमन किया

नयी दिल्ली, 11 अप्रैल (वार्ता) कांग्रेस,तेलंगाना राष्ट्र समिति एवं तृणमूल कांग्रेस ने आन्ध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्ज़ा देने के मुद्दे पर केन्द्रीय योजना राज्य मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह के बयान से असंतुष्ट होकर आज राज्यसभा से बहिर्गमन किया।
कांग्रेस के डॉ के वी वी रामचंद्रन राव के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई एक घंटे तक चर्चा का जवाब देते हुए श्री सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय विकास परिषद् राज्यों को विशेष श्रेणी का दर्ज़ा देने का फैसला करती है लेकिन जब उसने आंध्र प्रदेश एवं कुछ अन्य राज्यों को विशेष राज्य का दर्ज़ा देने के प्रस्ताव का अनुमोदन नहीं किया तो उन्हें विशेष राज्य का दर्ज़ा नहीं दिया जा सका। इस पर कांग्रेस के जयराम रमेश, दिग्विजय सिंह और टी.आर.एस. के केशव राव भड़क गए और अंत में सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद भी उनके समर्थन में आये।
श्री आज़ाद ने कहा कि सरकार ने विशेष राज्य का दर्ज़ा देना तो दूर उलटे उन्हें केन्द्रीय योजनाओं में मिलने वाली केन्द्रीय सहायता भी कम कर दी, इसके अलावा विशेष केन्द्रीय सहयता भी ख़त्म कर दी।
इन सदस्यों का कहना था कि जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आश्वासन दिया था कि आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिया जायेगा और इस बारे में सदन में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया तो फिर सरकार ने उसे विशेष राज्य का दर्ज़ा क्यों नहीं दिया।
श्री केशव राव ने तो व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि सदन जब प्रस्ताव पारित कर चुका है तो राष्ट्रीय विकास परिषद् कैसे नामंजूर कर सकता है। सदन में इस पर सर्वसम्मति बन चुकी थी तो सदन की राय सर्वोच्च है। इस पर उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि सरकार को अपना फैसला लेने का अधिकार है। वह सदन की राय से अलग फैसला ले सकती हैं। लेकिन श्री राव इन्द्रजीत सिंह ने शोर शराबे में कहा कि राष्ट्रीय विकास परिषद् के अनुमोदन के बिना किसी को विशेष राज्य का दर्ज़ा नहीं दिया जा सकता है। इस पर कांग्रेस, तृणमूल और टी.आर.एस के सदस्य क्रोधित होकर सदन से बहिर्गमन कर गए।
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अरविंद.उप्रेती.श्रवण
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